संसद सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) हुई। बैठक में कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार के निर्देश और विशेष राज्य के दर्जे की मांग का मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस से गौरव गोगोई, AAP से संजय सिंह, सपा से रामगोपाल यादव, AIMIM से असदुद्दीन ओवैसी और बाकी दलों के नेताओं ने कावंड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट लगाने के योगी सरकार के फैसले को उठाया।
बजट लीक कर सकता हूं
बैठक में भाग लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में कई मुद्दे उठाए गए, खासकर विपक्षी नेताओं पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का, जिसका सबसे बड़ा शिकार AAP है। उन्होंने कहा कि मैंने बजट को लेकर दिल्ली और पंजाब का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि बजट आने वाला है लेकिन मैं उससे पहले बजट लीक कर सकता हूं और दिल्ली के मामले में मैं कह सकता हूं कि दिल्ली को 350 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं मिलेंगे।
मनोज झा का दावा – मिश्रा जी की बनाई मूर्ति का दाम ज्यादा, नासिर ने 40 परसेंट कम में बनाई मूर्ति
हिटलर शाही आदेश
उन्होंने कावंड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट लगाने के योगी सरकार के फैसले पर कहा कि यह हिटलर के समय में चलता था। यह फरमान दलितों, पिछड़े आदिवासियों और अन्य लोगों के व्यवसाय को बंद करने का एक प्रयास है। ये वे लोग हैं जो राम मंदिर के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करते थे। पिछड़ी जातियां, अल्पसंख्यक, आदिवासी और द्वेष की राजनीति को खुलेआम यह कहकर बढ़ावा दिया जा रहा है कि कांवर यात्रा के रास्ते में आपको नेमप्लेट लगाना होगा। छोटी पार्टियों के लिए भी मांग की गई है कि उनके सदस्य को बोलने के लिए कम से कम 5-7 मिनट का समय दिया जाए।