दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी का मामला अब अन्तरराष्ट्रीय मुद्दा बनता जा रहा है। शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी और अमेरिका के बाद अब संयुक्त राष्ट्र ने भी दखलंदाजी कर दी है। यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले पर कहा कि उन्हें ‘उम्मीद’ है कि भारत एवं किसी भी अन्य देश में, जहां चुनाव हो रहे हैं, लोगों के ‘‘राजनीतिक और नागरिक अधिकारों’’ की रक्षा की जाएगी और हर कोई एक ‘‘स्वतंत्र व निष्पक्ष’’ माहौल में मतदान कर पाएगा।
संयुक्त राष्ट्र की इस प्रतिक्रिया से एक दिन पहले अमेरिका ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी तथा कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगाये जाने के ऐसे ही सवाल पर प्रतिक्रिया दी थी। केजरीवाल की गिरफ्तारी पर की गईं कुछ टिप्पणियों के विरोध में अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक को भारत द्वारा तलब किये जाने के कुछ घंटे बाद बुधवार को वाशिंगटन ने दोहराया था कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करता है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था, ‘‘मैं किसी निजी राजनयिक बातचीत के बारे में बात नहीं करने जा रहा हूं, लेकिन निश्चित रूप से, हमने सार्वजनिक रूप से जो कहा है, वही मैंने यहां से कहा है कि हम निष्पक्ष, पारदर्शी, समयबद्ध कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए। यही बात हम निजी तौर पर स्पष्ट कर देंगे।
इससे पहले जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर कहा था कि भारत के लोकतांत्रिक देश होने के नाते उन्हें उम्मीद है कि केजरीवाल को निष्पक्ष और तटस्थ सुनवाई का मौक़ा मिलेगा।