डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन पर दिए बयानों के बाद सबसे बड़ा असर मोदी सरकार के खिलाफ खड़े गठबंधन पर पड़ा है। INDIA की बैठकों में मोदी सरकार को घेरने पर एकमत होने के बाद आए उदयनिधि के सनातन को समाप्त करने वाले बयान पर गठबंधन दो हिस्सों में बंट चुका है। कोई परोक्ष समर्थन में है तो किसी ने दो कदम आगे बढ़कर समर्थन किया है। तो दूसरी ओर इस बयान का विरोध भी अब खुल कर सामने आया है। नतीजा यह हुआ है कि INDIA उदयनिधि के बयान के बाद दो हिस्सों में बंट गया है। हालांकि 2 सितंबर को बयान देने के बाद उदयनिधि पहले तीन दिन तो अपने बयान पर बार बार टिके रहे। लेकिन गुरुवार, 7 सितंबर को उन्होंने पहली बार सफाई दी। उन्होंने कहा कि ‘वे किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं। उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया।’ साथ ही उदयनिधि ने 4 पेज के स्टेटमेंट में अपनी बातों को साफ किया है।
पहले डेंगू, मलेरिया, कोरोना, अब एचआईवी, कुष्ठ
सनातन धर्म की तुलना पहले उदयनिधि स्टालिन ने डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की, जिसे खत्म करने का आह्वान भी उन्होंने किया। कांग्रेसी नेता प्रियांक खड़गे बिना सनातन का नाम लिए उदयनिधि के समर्थन में खड़े दिखे। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने भी कह दिया कि सनातन धर्म में दलितों पर अत्याचार होता है। इसमें पिछड़ों की क्या स्थिति है, यह किसी से छिपी नहीं है। तो अब पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने कहा है कि सनातन की तुलना तो एचआईवी एड्स और कुष्ठ जैसी बीमारियों से होनी चाहिए। ए. राजा ने उदयनिधि के बयान का बचाव भी अपने अंदाज में किया। उन्होंने कहा कि उदयनिधि ने तो सनातन के खिलाफ फिर भी नरमी दिखाई है।
रामगोपाल, ममता, राउत ने किया विरोध
उदयनिधि के बयान पर भले ही उन्हें राजद और कांग्रेस के नेताओं का परोक्ष समर्थन मिल गया हो। लेकिन INDIA में ही शामिल कुछ अन्य दलों को यह बात चुभ गई है। अरविंद केजरीवाल ने सेफ प्ले में बयान से पल्ला झाड़ लिया। लेकिन ममता और उद्धव सेना ने कोई नरमी नहीं दिखाई। सपा के रामगोपाल यादव ने साफ कहा कि किसी धर्म का अनादर नहीं करना चाहिए। तो ममता बनर्जी ने कहा कि हर धर्म से अलग-अलग भावनाएं जुड़ी हुई होती हैं। दक्षिण भारतीय लोगों सम्मान है, हर धर्म का सम्मान जरूरी है। तो उद्धव गुट शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और कोई भी उनके बयान का समर्थन नहीं करेगा। इस देश में लगभग 90 करोड़ हिंदू रहते हैं और अन्य धर्मों के लोग भी इस देश में रहते हैं। उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती।
अब मोदी सरकार पर निशाना
उदयनिधिन के बयान पर राजनीति तो गरम हो चुकी है। शुरुआत के चार दिनों में तो उदयनिधि बार बार अपनी बात पर अड़े रहे। लेकिन अब उन्होंने 4 पेज की सफाई जारी की है। इस सफाई में उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। स्टेटमेंट में उदयनिधि ने कहा है कि “मोदी एंड कंपनी ध्यान भटकाने के लिए सनातन चाल का इस्तेमाल कर रही है। पीएम मोदी भारत में मणिपुर के बारे में सवालों का सामना करने से डरते हैं और अपने दोस्त अडाणी के साथ दुनिया भर में घूम रहे हैं। सच तो यह है कि लोगों की अज्ञानता ही उनकी नाटकीय राजनीति की पूंजी है। मैं भी एक अध्यात्मवादी हूं। यदि कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर विभाजित करता है। उस धर्म में छुआछूत और गुलामी नजर आती है तो मैं उस धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।”