संसद के तीसरे दिन लोकसभा स्पीकर चुनाव के बाद ओम बिरला (Om Birla) ने सदन में इमरजेंसी की निंदा की। उन्होंने कहा- इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान किया था। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देश में आपातकाल के मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है।
सपा प्रमुख ने कहा कि समाजवादी नेताओं ने उस समय को देखा, हम पीछे मुड़ के कितना देखें। लोकतंत्र ऱक्षक सेनानी हमारे साथ हैं। क्या उनका भत्ता दुगना करेगी भारतीय जनता पार्टी। भाजपा लोकतंत्र सेनानियों का भत्ता एक लाख कब करेगी। अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने आज जो कुछ भी किया है वह सिर्फ दिखावा है। उस समय (आपातकाल) सिर्फ वे ही जेल नहीं गए थे बल्कि सपा और अन्य नेताओं ने भी उस समय को देखा।
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अखिलेश यादव की टिप्पणी को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को जवाब माना जा रहा है जिसमें बीजेपी नेता ने कन्नौज सांसद के पिता स्व. मुलायम सिंह यादव का जिक्र किया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा था- अखिलेश यादव के पिताजी जेल में थे, लालू यादव की बेटी का नाम ही मीसा है, वे मीसा के तहत बंद थे। ये आज सोचने का विषय है कि कांग्रेस कभी अपने आदत से बाज नहीं आने वाली है। 1975 में जो इमरजेंसी लगा ये आज के नौजवानों को जानना जरूरी है।
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मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि अगर हम वास्तविकता में जीना चाहते हैं तो भूतकाल की बात न करते हुए वर्तमान की बात करें तो बेहतर होगा। दूसरी ओर फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि लोकतंत्र सेनानी को नेताजी ने सम्मान दिया था। उसे पेंशन दिया था. भाजपा झूठ की बात करती है। उसमें एक पैसा नहीं बढ़ाया। भाजपा को लोकतंत्र सेनानियों को 50 हजार रूपए और सारी सुविधाएं देनी चाहिए। यह इस सत्र का नाटकीय शुरूआत हुई है।