हिट एण्ड रन कानून को लेकर 27 और 28 फरवरी 2024 को ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन (एआईआरटीडब्ल्यूएफ) एक बैयहक करने जा रहा है। बैठक का मुख्य विषय 1 जुलाई 2024 से लागू होने वाले हिट एंड रन कानून पर चर्चा करना होगा। हालांकि सरकार ने ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को देखते हुए कहा है कि कानून लागू करने से पहले फेडरेशनों से बातचीत की जाएगी, अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। सरकार ने कानून लागू करने की तिथि घोषित कर दी है, जिसके बाद फेडरेशन ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
फेडरेशन का मानना है कि हिट एंड रन कानून लागू होने से परिवहन उद्योग बर्बाद हो जाएगा। उनके अनुसार, इसका असर देश की अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी दर पर भी पड़ेगा। पहले से ही बड़ी गाड़ियों जैसे ट्रक, बस, टैंकलॉरी चलाने वाले चालकों की संख्या जरूरत से 30% कम है, और इस कानून के लागू होने से कई चालक इस काम को छोड़ने का मन बना रहे हैं।
फेडरेशन की चिंता
- चालकों पर अनावश्यक बोझ: कानून के तहत, यदि हादसे में किसी की मृत्यु हो जाती है और चालक भाग जाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। फेडरेशन का मानना है कि यह चालकों पर अनावश्यक बोझ है, क्योंकि कई बार हादसे अनजाने में हो जाते हैं।
- अनुचित जांच: फेडरेशन को डर है कि पुलिस चालकों को अनुचित तरीके से परेशान कर सकती है और उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कर सकती है।
- बेरोजगारी में वृद्धि: कानून के लागू होने से कई चालक इस काम को छोड़ सकते हैं, जिससे बेरोजगारी दर में वृद्धि होगी।
फेडरेशन की मांग
- कानून को वापस लिया जाए।
- चालकों से बातचीत के बाद ही कानून लागू किया जाए।
- कानून में उचित संशोधन किए जाएं।
क्या है हिट एंड रन कानून
- हिट एंड रन कानून के तहत, यदि कोई वाहन दुर्घटना में किसी को घायल करता है और भाग जाता है, तो वाहन मालिक और चालक दोनों को जेल की सजा हो सकती है।
- सरकार का कहना है कि यह कानून सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
- फेडरेशन का कहना है कि यह कानून व्यावहारिक नहीं है और इससे परिवहन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।