नई दिल्ली: अपने निर्भिक और स्वाभिमानी व्यक्तित्व के धनी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमेरिका इन दिनों साजिश रच रहा है। भारत के वैश्विक कूटनीती और विदेश नीतियां इन दिनो अमेंरका की नजरों में खटक रही और बांग्लादेश की तरह यहां की सरकार को भी CIA उखाड़ फेंकना चाहता है। रूस की सरकारी मीडिया स्पूतनिक ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA भारत सरकार के विरूद्ध बड़ी साजिश रच रही है। इसे लेकर रूस ने कहा कि सीआईए आंध्र प्रदेश के बैप्टिस्ट चर्च और विपक्षी नेताओं के संपर्क में है इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मदद से मोदी सरकार को गिराने की एक बड़ी साजिश रच रही है। रूसी मीडिया के इस रिपोर्ट ने हंगामा मचा दिया है। अमेरिका पर बांग्लादेश की सरकार को भी उखाड़ फेंकने का आरोप लग चुका है ऐसे में भारत के खिलाफ ये रिपोर्ट परेशान करने वाला हो सकता है।
बता दें अभी हाल में ही भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदा है इसे लेकर अमेरिका और पश्चिम देशों की त्योरियां चढ़ी हुई है। इसके बाद रूस की सरकारी मीडिया ने दावा किया कि अमेरिका भाजपा सरकार को गिराने के लिए साजिश रच रहा है। साथ ही इस रिपोर्ट में कुछ घटनाओं का उललेख किया गया है। रूसी मीडिया ने अमेरिकी राजदूत और कुछ अधिकारियों द्वारा बार-बार भारत के विपक्षी नेताओं के साथ बैठक करने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इस रिपोर्ट की मानें तो जल्द ही मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके लिए विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं के द्वारा बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं। स्पूतनिक की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA, विपक्षी नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है। साथ ही इसके अधिकारियों ने भारज के कुछ बड़े नेताओं से मुलाकात की है और बातचीत भी की है। बता दें हाल ही में अमेरिकी महा वाणिज्यदूत जेनिफर लार्सन ने हैदराबाद में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की थी।
इससे पहले जेनिफर लार्सन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से भी मिली थीं। चंद्रबाबू सरकार में शामिल हैं। अमेरिकी महा वाणिज्यदूत ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से भी मुलाकात की थी। इन सब घटनाओं को लेकर स्पूतनिक ने अपनी रिपोर्ट में उललेख किया कि लार्सन हैदराबाद में अमेरिकी मिशन संस्था का नेतृत्व कर रही हैं और इस संस्था के जरिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA बैप्टिस्ट चर्च की मदद लेने की कोशिश कर रही है। इन सबकी मदद से CIA विपक्ष के कुछ नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है और मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में अविश्वास पैदा करने के लिए परिस्थितियाँ पैदा करने की कोशिश कर रही है। बता दें रिपोर्ट के अनुसार CIA का पहला लक्ष्य चंद्रबाबू नायडू की मदद से मोदी सरकार से उनका समर्थन वापस पाना है। इधर बैप्टिस्ट चर्च के जरिए नायडू को अपने पाले में लाने की पूरी कोशिश की जा रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार से समर्थन वापस लेने से हिचकिचाते हैं तो विपक्ष को इसके लिए अनुकूल माहौल बनाने का निर्देश दिया गया है। रूसी मीडिया ने कहा है कि अमेरिकी महावाणिज्यदूत और राजनयिकों द्वारा विपक्षी नेताओं से मुलाकात चिंता का विषय है।
वहीं इस योजना के तहत मोदी विरोधी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सोशल मीडिया हस्तियों, उद्योगपतियों और कलाकारों समेत कई लोगों को इस अभियान के लिए व्यवस्थित तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस चौकाने वाले खुलासे में आगे स्पूतनिक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जुलाई 2024 में, अमेरिकी दूतावास ने भारत में ‘इन्फ्लुएंस टू इम्पैक्ट’ (प्रभाव डालने के लिए प्रभाव) नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में अभिषेक बनर्जी को आमंत्रित किया गया था, जो कांग्रेस के प्रचारकों को बढ़ावा देते हैं और YouTube के माध्यम से आधे सच फैलाकर मोदी सरकार के खिलाफ काम करते हैं। वहीं हिंदू त्योहारों, रीति-रिवाजों और देवी-देवताओं के खिलाफ बोलने वाले और भारत विरोधी रुख रखने वाले आरजे सैयमा को अमेरिकी दूतावास ने ‘समानता के राजदूत’ का खिताब से सम्मानित किया था। यह भी विचारनीय है। अमेरिका की खुफिया एजेंसी के द्वारा भारत में इस गतिविधी पर स्पूतनिक का कहना है कि यह सब भारत के लोगों को मोदी सरकार के खिलाफ भड़काने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है।