भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय के पैरों तले जमीन तब खिसक गई होगी, जब उनकी ही पार्टी के नेता शांतनु सिन्हा ने यौन शोषण के आरोप लगाए। सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लगे इस आरोप पर एक्शन में आए अमित मालवीय (Amit Malviya) ने शांतनु पर मानहानि करने का आरोप लगाते हुए 10 करोड़ रुपए का दावा ठोक दिया। अब शांतनु कह रहे हैं कि उन्होंने जो बंगाली में पोस्ट किया था, उसे समझा नहीं गया है।
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भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय के बारे में अपनी पोस्ट पर आरएसएस सदस्य और अधिवक्ता शांतनु सिन्हा ने कहा कि “सबसे पहले तो यह अवांछित है। मेरा मतलब उस तरह से नहीं था जैसा कि इसे समझाया गया है। मुझे लगता है कि यह कुछ गलत व्याख्या है। मैंने जो बंगाली पोस्ट किया है, वह अमित मालवीय के खिलाफ कोई आरोप नहीं है और न ही उन्हें बदनाम करने का कोई मिशन है।”
शांतनु ने आगे कहा कि “मैं बस अमित मालवीय को हनी ट्रैप के बारे में सचेत करना चाहता था, जिसमें विजयवर्गीय और प्रदीप जोशी फंस गए। पोस्ट में कहीं भी अमित मालवीय या पार्टी की बदनामी नहीं है।”
भाजपा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए शांतनु ने कहा कि “मैं भी पार्टी का कार्यकर्ता हूं और दो बार चुनाव लड़ चुका हूं, इसलिए मेरे लिए अपनी पार्टी और अपने नेताओं को बदनाम करना संभव नहीं है। यह देश की सबसे बदसूरत, सबसे भ्रष्ट पार्टी कांग्रेस द्वारा की गई पूरी तरह से गलत व्याख्या है। मैंने जो पोस्ट में कहा उसका बंगाली अर्थ किसी को समझ में नहीं आया, जो एक संवादहीनता थी।”
शांतनु ने कहा कि “मैंने आज स्पष्टीकरण देते हुए एक पोस्ट किया और मुझे लगता है कि इससे सभी कानाफूसी खत्म हो जाएगी। मेरी पोस्ट में अमित मालवीय या किसी और के खिलाफ एक भी कानाफूसी नहीं है। अगर अमित मालवीय मेरे खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराते हैं तो मैं उसका विरोध करूंगा।”