I.N.D.I.A गठबंधन की तीन बैठके पूरी हो चुकी है। तीनों बैठकों में विपक्षी दलों द्वारा यही दिखने का प्रयास किया गया कि वो सभी एकजुट हैं। उनमें किसी तरह का मतभेद नहीं रहा गया है। हालाँकि तीनों बैठकों के अपने-अपने हासिल रहे हैं। पहली बैठक में सभी विपक्षी दलों को एक टेबल पर लाने का लक्ष्य पूरा हुआ। दूसरी बैठक में गठबंधन का नाम तय हुआ। तीसरी बैठक में गठबंधन में अलग-अलग कमिटियाँ बनी, जो गठबंधन के संचालन के लिए जरुरी है। लेकिन तीनों बैठकों में एक कहानी हरबार नजर आई और वो है किसी एक नेता का रूठना। पहली बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल, दूसरी बैठक के बाद नीतीश कुमार के रूठने की खूब चर्चाएँ हुई। लेकिन फ़िलहाल दोनों का रुख सकारात्मक हैं। लेकिन तीसरी बैठक के बाद ममता बनर्जी के रूठने की खबर सुर्खियाँ बटोर रही हैं।
पहली बैठक- केजरीवाल की मांग पर चर्चा नहीं
I.N.D.I.A गठबंधन की पहली बैठक के पहले दिल्ली सेवा बिल पर केंद्र सरकार द्वारा लाया जा रहा अध्यादेश का मुद्दा गर्म था। इस अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों का समर्थन चाहते थे। बैठक में भी इस बात पर चर्चा करने की कोशिश केजरीवाल की तरफ से की गई। लेकिन कई दल खास कर कांग्रेस ने इसपर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। ख़बरें ऐसी मिली कि केजरीवाल इससे नाराज हो गए। यही कारण बताया गया कि विपक्षी दलों की साझा प्रेस कांफ्रेस में केजरीवाल और उनके दल के कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ।
सूत्रों से ऐसी खबर मिली थी कि पहली बैठक में केजरीवाल के समर्थन में उद्वव ठाकरे ने दिल्ली में लाए जा रहे अध्यादेश के खिलाफ समर्थन देने की मांग की। जिसके बाद कांग्रेस की तरफ से अध्यादेश पर संसद के अंदर चर्चा करने की बात कही। इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने केजरीवाल ने धारा 370 पर उनका स्टैंड साफ नहीं रहने की याद दिलाई।
हालाँकि बाद में केजरीवाल की मनाने के लिए सभी I.N.D.I.A गठबंधन के सभी दलों ने अध्यादेश का विरोध में ही वोटिंग किया । इसके बाद भी केजरीवाल और कांग्रेस के बीच मनमुटाव की बात सामने आती रही। लेकिन तीसरी बैठक में खुद केजरीवाल ने साफ तौर पर ये कहा कि “I.N.D.I.A अलायंस की ताकत को देखकर अब ये लोग आपस में लड़ाएंगे। रोज खबरें आएंगी कि हमारे यहां ये हो गया, वो हो गया। मैं जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि हमारे यहां बहुत अच्छा चल रहा है। यहां कोई किसी पद के लिए नहीं आया है।”
दूसरी बैठक- संयोजक के लिए नीतीश के नाराजगी की चर्चा
विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A का संयोजक कौन होगा ये एक बड़ा राजनीतिक सवाल बना हुआ है। खास कर बिहार में इस सवाल ने ज्यादा हलचल मचा रखी है। इस पद के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नाम पर खूब चर्चा हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि विपक्षी एकता की मुहिम को शुरू करने के उपहार स्वरुप नीतीश कुमार को संयोजक बनाया जा सकता है। लेकिन तीन बैठकों के बाद भी संयोजक के नाम की घोषणा नहीं हुई। हालाँकि समन्वय समिति जरुर बना दी गई है।
मुंबई में हुई I.N.D.I.A की दूसरी बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में बिना शामिल हुए नीतीश कुमार का पटना लौट जाने की वजह उनकी नाराजगी ही बताई जा रही थी। क्योंकि संयोजक के नाम की घोषणा नहीं की गई। उसके बाद दो बार लालू यादव का दिल्ली जाकर राहुल गाँधी से मुलाकात करने को भी इसी से जोड़ दिया गया। ऐसा कहा गया की नीतीश को खुश करने के लिए लालू यादव उन्हें संयोजक बनाना चाहते हैं और इसी सिलसिले में वो राहुल गाँधी से मिल रहे हैं । हालाँकि इस खबरों ने ऐसा माहौल बना दिया कि नीतीश कुमार को खुद आगे आकर कहना पड़ा की उन्हें कोई पद नहीं चाहिए। उधर लालू यादव भी ये कहते देखे गए की नीतीश के अलावा कोई और भी संयोजक हो सकता है।
तीसरी बैठक- प्रेस कांफ्रेस से ममता गायब
I.N.D.I.A की दो बैठकों के बाद जिस तरह की कहानी नजर आई वही तीसरी के बाद भी दिखी इस बार भी सिर्फ किरदार अलग था। तीसरी बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेस में बारी-बारी से सभी दलों के नेताओं ने अपन संबोधन दिया। लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रेस कांफ्रेस में नदारत रही। ममता बनर्जी बैठक के बाद ऐसे गायब हुयी कि लालू यादव तक को खबर नहीं हुई। तभी तो लालू यादव ने अपने संबोधन के दौरन ममता बनर्जी की उपस्थिति का भी जिक्र किया। जिसके बाद उन्हें ये बताया गया कि ममता बनर्जी जा चुकी है। कारण वही बताया गया जो अन्य दो बैठकों के बाद और प्रेस कांफ्रेस से पहले निकल गए नेताओं के बारे में बताया गया था।
वो यही की फ्लाईट का टाईम हो गाया था। लेकिन दोनों बार की तरह इस बार भी इस बात को हजम कर पाना मुश्किल हो रहा है। सूत्रों से ऐसी खबर मिल रही है की ममता बनर्जी ने बैठक में अपनी नारजगी जाहिर की। दरअसल बैठक के एक दिन पहले राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेस कर अदानी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा था। ममता बनर्जी का कहना था कि इस तरह के मुद्दे पर गठबंधन में चर्च के बाद ही कुछ बोला जाए। हालाँकि इस बात में कितनी सच्चाई ही ये कह पाना मुश्किल है। फ़िलहाल तो निगाहें I.N.D.I.A की दिल्ली में प्रस्तावित चौथी बैठक पर रहेगी।