दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की होली अब ईडी की कस्टडी में ही बीतेगी। एक दिन पहले ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया। इसके बाद शुक्रवार को कोर्ट ने ईडी को केजरीवाल की रिमांड दे दी। यह रिमांड अभी छह दिन यानि 28 मार्च तक के लिए दी गई है। इससे पहले ईडी ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले का सरगना बताया है।
इससे पहले अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार दोपहर 2 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। तीन घंटे तक सुनवाई चली और रात साढ़े 8 बजे अदालत ने फैसला सुनाया। इस फैसले में ईडी को अरविंद केजरीवाल की 6 दिनों की रिमांड मंजूर की। हालांकि ED ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी।
इस बीच अरविंद केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि वे जेल से ही सरकार चलाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरा जीवन देश के लिए समर्पित है। चाहे अंदर रहूं या बाहर रहूं। साथ ही केजरीवाल ने साफ कर दिया कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
रिमांड लेने के लिए ED की दलीलें
- अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता और किंगपिन हैं। केजरीवाल पूरे समय पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के संपर्क में थे। इसके अलावा शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से उनका सीधा संपर्क था।
- केजरीवाल सीधे तौर पर शराब नीति के निर्माण और रिश्वत लेने में शामिल थे। अपराध से प्राप्त रकम का इस्तेमाल गोवा चुनाव में प्रचार के लिए किया गया।
- अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति के जरिए साउथ लॉबी को लाभ पहुंचाने के बदले उनसे रिश्वत की मांग की थी। ये घोटाला केवल 100 करोड़ रुपए का नहीं है बल्कि उस 600 करोड़ रुपए से ज्यादा के मुनाफे का है जो साउथ ग्रुप को इस घोटले के जरिए हुआ।
- अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले विजय नायर ने इस पूरे घोटाले में उन्होंने बिचौलिए के तौर पर काम किया। नायर केजरीवाल के आवास के पास ही एक घर में रह रहा था।
- 45 करोड़ रुपए हवाला के जरिए दिए गए।