18वीं लोकसभा के शुरुआती दो दिनों में सभी नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण का सिलसिला चला। इसमें कई सांसदों ने शपथ में अपने तेवर भी जोड़े। राहुल गांधी संविधान की कॉपी दिखाते पहुंचे। तो कोई पीएम मोदी की जय करता दिखा, तो किसी ने हेडगेवार की जय कहा। किसी ने हिंदू राष्ट्र की बात कर दी, तो किसी ने मणिपुर के दर्द को सामने लाने की कोशिश की। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान असदुद्दीन ओवैसी ने खींचा। असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ लेने के दौरान फिलिस्तीन के पक्ष में नारा लगा दिया। जिसके कारण उनकी संसद सदस्यता सांसत में पड़ सकती है। वैसे तो भाजपा के सांसदों के विरोध पर प्रोटेम स्पीकर ने फिलिस्तीन की जय बोलने वाली लाइन को कार्यवाही से हटा दिया है। लेकिन बवाल अभी थमा नहीं है।
राहुल गांधी होंगे लोकसभा में नेता विपक्ष
दरअसल, सांसदों की अयोग्यता से जुड़ा एक नियम यह कहता है कि “यदि कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है, या उसने स्वेच्छा से किसी दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त कर ली है, या किसी दूसरे देश के प्रति निष्ठा या लगाव रखता रखता है।” तो वह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 के तहत अयोग्य घोषित हो जाएगा।
असदुद्दीन ओवैसी ने पांचवी बार लोकसभा का चुनाव जीता है। मंगलवार, 25 जून को संसद सत्र के दौरान ओवैसी ने उर्दू में शपथ ली। उन्होंने शपथ लेने से पहले दुआ पढ़ी। इसके बाद उर्दू में शपथ ली। शपथ के बाद जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन कहा। बवाल जय फिलिस्तीन कहने पर हुआ क्योंकि फिलिस्तीन की चर्चा शपथ ग्रहण के दौरान करना कई सांसदों को नागवार गुजरा। हालांकि प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने साफ किया है कि शपथ का मूल पाठ ही रिकॉर्ड में दर्ज किया जा रहा है। ओवैसी के जय फिलिस्तीन कहने पर प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि “मैंने पहले भी कहा है कि कृपया शपथ के मूलपाठ के अलावा किसी और चीज का जिक्र करने से बचें। इसका पालन किया जाना चाहिए।”
जबकि ओवैसी ने कहा कि “सभी सदस्य अलग अलग बात कर रहे हैं। तो मैंने फिलिस्तीन की बात की, वहां के लोग पीड़ित हैं। पढ़िए कि गांधी जी ने फिलिस्तीन के बारे में क्या कहा है।”