एक बार फिर असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में मोदी सरकार पर एक साथ कई हमले किए। आर्टिकल 370 से लेकर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991, यूनिफॉर्म सिविल कोड, नूंह हिंसा के अलावा पाकिस्तान में भारतीयों के बंदी होने पर मोदी सरकार को घेरा। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मणिपुर और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा भी मांगा। उन्होंने साफ कहा कि दोनों राज्यों में हिंसा के लिए वहां के मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। साथ ही सवाल पूछा कि उन्हें अब तक क्यों नहीं हटाया गया?
शायराना अंदाज में ओवैसी ने हरियाणा और मणिपुर सीएम पर हमले करते हुए कहा कि “कुर्सी है तुम्हारा जनाजा तो नहीं.. कुछ नहीं कर सकते तो उतर क्यों नहीं जाते?” उन्होंने कहा कि जहां 50 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। लाखों की संख्या में हथियार लूटे जा रहे हैं। वहां के सीएम अब तक कुर्सी पर कैसे हैं?
उन्होंने मोदी सरकार पर नफरत का माहौल तैयार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस देश में किस तरह का माहौल पैदा किया जा रहा है? क्या बिलकिस बानो देश की बेटी नहीं है? उस प्रेग्नेंट महिला का रेप किया गया और रेपिस्टों को रिहा कर दिया जाता है। समस्या बॉर्डर पर नहीं, दिल्ली में है। एक तरफ चौकीदार बैठा है तो दूसरी तरफ दुकानदार। साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव सालों से बंद है लेकिन मोदी सरकार उसे भूल चुकी है। एक साल से कई अफसर बंद है, सरकार उन्हें भी भूल चुकी है। मणिपुर पर बात करते हुए ओवैसी ने हरियाणा हिंसा का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि नूंह में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।