सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। यह फैसला शुक्रवार को दिया गया, जिसमें दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, एम्स और दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किया है। इससे पहले, हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को 5 जनवरी तक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का आदेश दिया था ताकि राष्ट्रीय राजधानी में आयुष्मान भारत योजना लागू की जा सके।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार इस योजना का विरोध कर रही है। सरकार का तर्क है कि दिल्ली में राज्य सरकार की योजनाओं के तहत नागरिकों को ‘बेहतर लाभ’ मिलते हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साध रही है। भाजपा नेता बार-बार सवाल उठा रहे हैं कि दिल्ली सरकार केंद्र की स्वास्थ्य योजना को क्यों लागू नहीं कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट का आदेश केंद्र सरकार की स्वास्थ्य से संबंधित शक्तियों की पुनर्परिभाषा करता है और दिल्ली सरकार को जबरदस्ती समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य करता है।