गुरुवार 15 फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि जिन कोचिंग सेंटरों में 20 से अधिक छात्र हैं, उन्हें आवासीय क्षेत्रों से बाहर जाना चाहिए और व्यावसायिक स्थानों से संचालित होना चाहिए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि छात्र आवासीय भवनों में संचालित होने वाले कोचिंग सेंटरों में अपनी जान जोखिम में डालते हैं, जिनके पास आवश्यक सुरक्षा बुनियादी ढांचा तक नहीं है।
अदालत ने कहा, “आपकी कक्षाओं में सैकड़ों छात्र उपस्थित होंगे। आपको आवासीय भवन में नहीं रहना चाहिए। किसी व्यावसायिक भवन में चले जाएँ। आप आवासीय क्षेत्र से काम नहीं कर सकते। जहां 20 से अधिक छात्र हों, आपको बाहर जाना होगा।”
आपको बता दें कि हाई कोर्ट ने पिछले साल जून में मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने और छात्रों को रस्सियों का उपयोग करके इमारत से नीचे उतरते हुए देखने का स्वत: संज्ञान लेते हुए यह मामला दर्ज किया था। आग लगने की उस घटना पर अधिकारियों ने जांच के दौरान बताया था कि आग पांच मंजिला इमारत में बिजली मीटर बोर्ड से शुरू हुई। पुलिस के अनुसार, उस समय भंडारी हाउस नामक एक बिल्डिंग में लगभग 250 से ऊपर की संख्या में छात्र कक्षाओं में अध्ययनरत थे।