विश्व हिंदू परिषद और उससे जुड़े बजरंग दल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन को 100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेज हर्जाने की मांग की है। दरअसल कांग्रेस ने कर्नाटक के चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना PFI से करते हुए कहा था कि अगर उनकी सरकार आई तो बजरंग दल पर बैन लगा देंगे। इसके साथ ही बजरंग दल पर समुदायों के भीतर जाति और घर्म के नाम पर नफरत फैलाने का आरोप है।
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कांग्रेस घोषणा पत्र में बजरंग दल बैन लगाने का वादा
कांग्रेस घोषणा पत्र में कह गया था कि संविधान और कानून सर्वापरि है और कोई भी व्यक्ति या संस्था जैसे बजरंग दल, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या अन्य बहुसंख्यकों या अल्पसंख्यकों के बीच दुश्मनी या नफरत फैलाने के लिए इसका उल्लंघन नहीं कर सकते है। हम कानून के अनुसार ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाएंगे, और ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएंगे। जिसके बाद इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद और उससे जुड़े बजरंग दल, बीजेपी ने इसका जमकर विरोध किया था। जिसको लेकर बीएचपी और बजरंग दल की तरफ से चंडीगढ़ स्थित एडवोकेट साहिल बंसल ने नोटिस भेजा है। और 14 दिन का समय दिया है।हालांकि खड़के के कार्यालय ने अब तक इससे इंकार किया है।