वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने टैक्स की चोरी रोकने के लिए एक विशेष घोषणा की। उन्होंने कहा कि जहां अघोषित आय (undisclosed income) या बिक्री कर आदि की चोरी का मामला आता है तो वहां नुकसान का समायोजन करके भुगतान से बचा जा सकता है। यह टैक्ट चोरी करने वालों के बीच निश्चिंतता का भाव पैदा करता है। वित्तमंत्री ने कहा कि ऐसे में नियमों को स्पष्ट किए जाने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने साफ किया कि सर्च ऑपरेशन में पता चलने वाली अघोषित आय का मामला सामने आने की स्थिति में किसी भी नुकसान का कोई समायोजन नहीं किया जाएगा। जिसमें कि अब सर्च ऑपरेशन के दौरान जो भी अघोषित आय होगी वह जब्त कर ली जाएगी अर्थात उसे लौटाया नहीं जाएगा।
अघोषित आय को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं
कानपुर इत्र व्यापारी के आवास पर और उनके कन्नौज स्थित ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। जहां उनके उक्त ठिकानों से लगभग 300 करोड़ की अघोषित आय का पता चला था। जिसमें 195 करोड़ रुपये से अधिक नकदी बरामद की गई थी। जब इस अघोषित आय का मामला सामने आया तो पीयूष जैन को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद इस अघोषित आय को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण पीयूष जैन की ओर से कोर्ट में अपील की गई कि उनके यहां जब्त संपत्ति को वापस लौटाया जाए। केंद्रीय बजट के नए प्रावधान का सीधा असर उन लोगों पर पड़ने वाला है जिन्होंने अपनी आय को छुपा रखी है अर्थात सीधा असर अघोषित आय पर पड़ने वाला है।
विपक्षी पार्टियों ने हंगामा मचाया था
पीयूष जैन के मामले पर विपक्षी पार्टियों ने खूब हंगामा मचाया था। इसके बाद टैक्स चोरों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जनसभाओं में सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई जारी रहने की बात कही थी। वहीं अब इस प्रकार के कानून का सीधा असर प्रदेश की राजनीति पर भी देखने को मिलेगा।