कोरोना वायरस के लिए ली गई वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है। दायर याचिका के माध्यम से चिकित्सा विशेषज्ञों का पैनल गठित कर इसके साइड इफेक्ट की जांच कराने की मांग की गई है। वकील ने कोर्ट में कहा है कि कोविशील्ड वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने लंदन में माना गया है कि इसके कारण बहुत बिरले मामलों में खून का थक्का जमना या प्लेटलेट की संख्या घटना आदि शामिल है। अर्जी में बहुत से युवाओं को भी दिल के दौरे पड़ने की घटनाएं हुई हैं।
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कोविशील्ड से जान गंवाने वालों के लिए हुई मुआवजे की मांग
दायर याचिका में कहा गया है कि कोर्ट एम्स के डायरेक्टर की अध्यक्षता में चिकित्सा विशेषज्ञों का एक पैनल गठित करने का निर्देश दे। यह पैनल सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की निगरानी में कोविशील्ड के खतरे और साइड इफेक्ट की जांच करे। यह भी मांग की गई है कि कोरोना काल के दौरान वैक्सीन लेने से गंभीर रूप से अशक्त (विकलांग) हो गए लोगों और जान गंवाने वालों को मुआवजा देने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए।
बता दें कि इस कंपनी को यूके में मुकदमें का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित उसके टीके से गंभीर साइड इफेक्ट और मौतों का आरोप लगाया गया है। अप्रैल, 2021 में वैक्सीन लेने के बाद ब्रेम हेम्रेज के शिकार हुए जेमी स्कॉट नाम के एक शख्स ने इस मामले में केस दर्ज कराया था। यूके के बाद अब भारत में भी मामला कोर्ट पहुंच गया है और जांच की मांग की जा रही है।