साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज लगने जा रहा है। यह अंतिम चंद्रग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण होगा और इसे भारत के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं। इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है। चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल 9 घंटे पहले लागू हो जाता है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल आज (8 नवंबर) सुबह 8 बजकर 20 मिनट से शुरू हो गया है। वैसे तो ये ग्रहण दोपहर को 01 बजकर 32 मिनट से लगेगा, लेकिन भारत में ये चंद्र ग्रहण शाम 5:20 पर दिखना शुरू होगा और इसका समापन शाम 6.20 पर होगा।
जानिए क्या होता है सूतक
ग्रहण के दौरान सूतक को महत्वपूर्ण माना जाता है। लोग ग्रहण से कुछ घंटे पहले कुछ नियमों का पालन करते हैं और ग्रहण समाप्त होने के तुरंत बाद अपना उपवास समाप्त करते हैं। हालांकि, उपवास तोड़ने से पहले, लोग स्नान करते हैं, अपने इष्ट देवता की पूजा करते हैं, सूर्य या चंद्रमा भगवान का आशीर्वाद लेते हैं और फिर जल और भोजन का सेवन करते हैं।
ज्योतिषियों के मुताबिक, चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान की पूजा करना वर्जित होता है, इसलिए घर या मंदिरों में भगवान के कपाट बंद रखना चाहिए। साथ ही साथ प्रतिमाओं को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद नहाकर मंदिर के कपाट खोलें और फिर मंदिर धोएं और पूजा करें।
खाने-पीने की चीजों में क्यों डाले जाते हैं तुलसी के पत्ते
मान्यता है कि ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए इससे खाने की चीजें ग्रहण के प्रभाव से बच जाती है। इसलिए खाने-पीने की चीजों में डालने के लिए तुलसी के पत्ते तोड़ लें। सूतक और ग्रहण के दौरान पेड़-पौधों को भी स्पर्श करना भी वर्जित माना जाता है इसलिए सूतक काल शुरू होने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लेना चाहिए।