चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत ने आज इतिहास रच दिया। आज पहली बार भारत के कदम चाँद पर पड़े हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल सफलता पूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की और इतिहास रच दिया। आज लैंडिंग के साथ ही लैंडर विक्रम अपना काम शुरू कर देगा।
सफलता के लिए देश-विदेश में हवन-पूजन
इस ऐतिहासिक मिशन की सफलता पर उम्मीदें पूरे देश की लगी हुई। इसकी सफलता के लिए देश-विदेश में पूजा और प्रार्थना की गई। चंद्रयान-3 के लिए देश भर के मंदिरों में हवन-पूजन किए गए। मस्जिदों में दुआ की गई। स्कूलों में बच्चों ने भी इसके लिए प्रार्थना की। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए बुधवार को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में खास भस्म आरती की गई। वहीं, अजमेर की दरगाह शरीफ में लोगों ने दुआ की। बाबा रामदेव ने हरिद्वार में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए यज्ञ किया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए अरदास में शामिल हुए। अमेरिका के न्यू जर्सी के मॉनरो में भी ओम श्री साईं बालाजी मंदिर में भारतीय समुदाय के लोगों ने पूजन किया। सफल लैंडिंग को लेकर पटना के वेद विद्यालय में हवन किया गया।
कमांड सेंटर में उत्साह-बेचैनी का माहौल
इसरो के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री एंड कमांड सेंटर (इस्ट्रैक) के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (मॉक्स) में 50 से ज्यादा वैज्ञानिक कंप्यूटर पर चंद्रयान-3 से मिल रहे आंकड़ों की रात भर पड़ताल में जुटे रहे। वे लैंडर को इनपुट भेज रहे हैं, ताकि लैंडिंग के समय गलत फैसला लेने की हर गुंजाइश खत्म हो जाए। सभी सांकेतिक भाषा में बात कर रहे हैं। कमांड सेंटर में उत्साह-बेचैनी का मिला-जुला माहौल है। इसरो वैज्ञानिक बेंगलुरु स्थित टेलिमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक) और ब्यालालू गांव स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क पर मिल रहे डेटा के अलावा यूरोपियन स्पेस एजेंसी के जर्मनी स्थित स्टेशन, ऑस्ट्रेलिया और नासा के डीप स्पेस नेटवर्क से रियल टाइम डेटा लेकर वेरिफिकेशन कर रहे हैं।
दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत
इस सफलता के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, हालांकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है। चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगे।
पीएम ने जोहान्सबर्ग में लहराया तिरंगा, वैज्ञानिकों को दी बधाई
भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। चंद्रयान की सफल लैंडिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोहान्सबर्ग से लाइव जुड़े। इस दौरान पीएम के चेहरे पर खुशी दिखी और उन्होंने तिरंगा लहराया। इस मौके पर उन्होंने देश और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम ऐसे ऐतिहासिक क्षण देखते हैं तो हमें बहुत गर्व होता है। ये नए भारत का सूर्योदय है। मैं टीम ISRO को और देश के सभी वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जिन्होंने इस पल के लिए वर्षों तक इतना परिश्रम किया। उल्लास, उमंग और भावुकता से भरे इस पल के लिए मैं देश के 140 करोड़ देशवासियों को भी कोटि-कोटि बधाई देता हूं।
चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं
चांद पर पहुंचकर चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं। इसरो ने ट्वीट कर चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के लिए पूरे देश को बधाई। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम के चंद्रमा पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा, “भारत चंद्रमा पर है”। अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। धूल का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आएगा। इसमें करीब 1 घंटा 50 मिनट लगेगा। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे।
नीतीश-तेजस्वी ने वैज्ञानिकों और देशवासियों को दी बधाई
चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग कराकर भारत ने अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रच दिया है। जिस पर हर भारतवासी गौरवान्वित है। सीएम नीतीश ने कहा कि यह इसरो के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलता पूर्वक लैंडिंग पर देशवासियों को बधाई दी है। कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत और क़ाबिलियत ने अंतरिक्ष में भारत को यह ऐतिहासिक उपलब्धि दिलाई है। 140 करोड़ भारतीयों को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है।