इसरो आज उस सफलता का वाहक बनने जा रहा, जिसे अब तक चीन, अमेरिका जैसी महाशक्तियां भी पूरा नहीं कर पाईं। रूस ने प्रयास किया लेकिन वो सफल होने से पहले लड़खड़ा गया। भारत का Mission Chandrayaan 3 आज पूरा होने की संभावना है। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार चंद्रयान 3 चांद की सतह पर शाम 6.04 बजे लैंड करेगा। लैंड करने के दौरान आखिरी 17 मिनट महत्वपूर्ण हैं। अगर यह मिशन सफल होता है तो चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला भारत पहला देश हो जाएगा। जबकि चांद पर कहीं भी पहुंचने वाले देशों की सूची में भारत चौथा देश होगा।
सेंसर बंद होने पर भी सतह पर उतरेगा लैंडर
अपनी लैंडिंग के आखिरी दिन चंद्रयान 25×134 किमी की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। चंद्रयान- 2 मिशन आखिरी पलों में तब फेल हो गया था, जब चांद से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर लैंडर से संपर्क टूट गया था। लेकिन इस बार पिछली गलतियों से इसरो ने सीख ली है। इसरो का दावा है कि विक्रम लैंडर के सभी सेंसर बंद हो जाते हैं, तब भी यह सतह पर उतरेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि सबसे जरूरी है चांद पर लैंड करने के लिए सही जगह मिलना। अगर कोई भी दिक्कत आती है तो नई जगह की पहचान करके लैंडर सतह पर उतरेगा।
लैंडिंग में आज दिक्कत हुई तो 400 किमी दूर उतरेगा चंद्रयान
इसरो ने अपनी तैयारी इस बार इस हद तक रखी है कि लैंडिंग में समस्या हुई तो एक और प्रयास के लिए स्कोप रखा गया है। अगर 23 अगस्त, बुधवार को चंद्रयान की लैंडिंग में परेशानी हुई तो उसे 27 अगस्त को दुबारा उतारा जाएगा। लेकिन तब चंद्रयान की उतरने की जगह बदल जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को सफल नहीं होने पर तय जगह से लगभग 400 किलोमीटर दूर चंद्रयान उतरेगा। दरअसल, मिशन का सबसे मुश्किल हिस्सा सॉफ्ट लैंडिंग भी है। चांद की सतह पर लैंड करने से पहले विक्रम लैंडर दो बार चांद की सतह की जांच करेगा। उसकी तस्वीरें क्लिक करेगा। सबकुछ सामान्य होने की स्थिति में ही लैंडिंग कराई जाएगी।