केंद्र सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के कामकाज को सुधारने और परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को घोषणा की कि वर्ष 2025 से NTA सिर्फ प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करेगा और भर्ती परीक्षाओं का जिम्मा उसके पास नहीं रहेगा। इसके साथ ही अगले साल एनटीए का पुनर्गठन किया जाएगा और 10 नए पद सृजित किए जाएंगे। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार तकनीक आधारित और कंप्यूटर एडैप्टिव परीक्षाओं की ओर बढ़ने की योजना बना रही है। उन्होंने यह भी बताया कि नीट यूजी परीक्षा को पेन-पेपर मोड में ही आयोजित किया जाए या ऑनलाइन किया जाए, इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ चर्चा जारी है।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी-यूजी) का आयोजन साल में सिर्फ एक बार ही किया जाएगा। गौरतलब है कि सीयूईटी के माध्यम से दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया समेत देश के 260 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में स्नातक कोर्सेज में दाखिले होते हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि एनटीए की कार्यशैली को बेहतर बनाने और परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- नीट को जेईई मेन की तरह कई चरणों में कराया जाए।
- ऑफलाइन परीक्षाओं को कम कर हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में परीक्षाएं आयोजित की जाएं।
- प्रमुख परीक्षाओं जैसे नीट में प्रयासों की संख्या सीमित की जाए।
- सीयूईटी परीक्षा में विषयों की संख्या घटाई जाए।
- आउटसोर्सिंग कर्मियों और निजी परीक्षा केंद्रों की भूमिका कम की जाए।
- एनटीए में स्थायी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए।
- पेपर लीक के बाद उठे सवाल
नीट और यूजीसी नेट जैसी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक की घटनाओं के बाद सरकार ने एनटीए की कार्यप्रणाली में सुधार की जरूरत महसूस की। इसके बाद एक जांच कमेटी गठित की गई थी, जिसने इन घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कई सुधारात्मक उपाय सुझाए। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि भविष्य में एनटीए के साथ राज्य सरकारों का समन्वय बढ़ाया जाएगा। चूंकि ये परीक्षाएं देश के अलग-अलग राज्यों में आयोजित की जाती हैं, इसलिए राज्य सरकारों की मदद से आयोजन प्रक्रिया को और मजबूत और पारदर्शी बनाया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं को बढ़ावा देना है। जहां ऑनलाइन परीक्षाएं संभव नहीं होंगी, वहां हाइब्रिड मोड का विकल्प अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनटीए का पुनर्गठन 2025 तक पूरा हो जाएगा, जिससे इसका कामकाज और अधिक प्रभावी और त्रुटिहीन हो सकेगा।
परीक्षार्थियों के लिए क्या बदलेगा?
- सीयूईटी-यूजी अब साल में एक बार होगा।
- नीट और अन्य परीक्षाएं चरणबद्ध तरीके से आयोजित हो सकती हैं।
- परीक्षाओं में हाइब्रिड मोड अपनाया जाएगा।
- प्रयासों की संख्या सीमित करने पर विचार किया जा रहा है।