जी 20 डिनर के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया है। नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री दिल्ली शनिवार को पहुंच भी गए। जबकि कुछ मुख्यमंत्रियों ने इस डिनर से किनारा कर लिया है। वहीं कांग्रेस के दो मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्रालय पर आरोप लगाया कि उन्हें आने नहीं दिया गया। साथ ही उन्होंने गृह मंत्रालय पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया है।
बघेल-गहलोत नहीं पहुंच सके
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी जी 20 डिनर में आमंत्रित थे। लेकिन दोनों ने एक ही बात कही कि नो फ्लाइंग जोन होने के कारण वे डिनर में नहीं जा पा रहे हैं। भूपेश बघेल के इस दावे को खारिज करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्यपालों और राज्य के मुख्यमंत्रियों को उनके राज्य के विमानों पर आवाजाही की अनुमति है। इस मामले में गृह मंत्रालय ने सफाई भी दी है कि 8-11 सितंबर 2023 को दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए एक उच्च तकनीकी सुरक्षा हवाई कवर तैनात किया गया है। लेकिन राज्यपालों और राज्य के मुख्यमंत्रियों को उनके राज्य के विमानों पर आवाजाही पर रोक नहीं है।
गहलोत के दावे को गृह मंत्रालय ने नकारा
वहीं राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी यही कहा था कि उड़ान को अनुमति नहीं मिलने के कारण वे जी 20 डिनर में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने अशोक गहलोत के इस दावे को नकारते हुए कहा है कि “सीकर सहित उड़ान अनुमति के लिए सीएम राजस्थान से चार अनुरोध प्राप्त हुए थे, और सभी को एमएचए द्वारा अनुमोदित किया गया था। सीएम राजस्थान के किसी भी अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया गया है। वाणिज्यिक विमानों की सभी निर्धारित उड़ानों और राज्यपालों और राज्य के मुख्यमंत्रियों को अपने राज्य के विमानों पर आवाजाही की अनुमति है। निजी चार्टर्ड उड़ानों को विशिष्ट गृह मंत्रालय के अनुमोदन की जरूरत होती है।”
अब गहलोत ने गृह मंत्रालय को घेरा
गृह मंत्रालय के स्पष्टीकरण के बाद उखड़े अशोक गहलोत ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि “मेरा उदयपुर से जयपुर प्लेन से एवं जयपुर से सीकर एवं सीकर से निवाई हेलिकॉप्टर से जाने का कार्यक्रम था। इसके लिए हेलिकॉप्टर को एडवांस में उदयपुर से जयपुर पहुंचना था। लेकिन ऐसा बताया गया कि जी-20 प्रोटोकॉल के तहत हेलिकॉप्टर या प्लेन तभी यात्रा कर सकते हैं, जब सीएम खुद उसमें सवार हों।
इसके आगे गहलोत ने कहा, “हेलिकॉप्टर की उड़ान की अनुमति सुबह 10.48 पर ईमेल कर मांगी गई, लेकिन 2.50 तक कोई अनुमति नहीं मिली। वहां इंतजार कर रही जनता को जानकारी देने के लिए 2.52 पर ट्वीट कर न आ पाने का कारण बताया। इसके बाद, 3.58 बजे अनुमति आई, लेकिन तब तक मैं उदयपुर से जयपुर के लिए प्लेन से निकल चुका था और जयपुर पहुंचकर सड़क मार्ग से निवाई गया। जी-20 के नाम पर मुझे कोई विवाद पैदा नहीं करना था, इसलिए मैंने इसकी कोई निंदा नहीं की और जनता को सिर्फ जानकारी दी।” गहलोत ने आगे कहा कि दुख है कि गृह मंत्रालय ने गलत तथ्यों की जानकारी देकर जनता में भ्रम फैलाने का असफल प्रयास किया है।