कांग्रेस की राजनीतिक हालत जिस तरह पतली हुई है, उसमें कांग्रेसी नेताओं का आपसी गतिरोध सबसे बड़ा कारण दिख रहा है। सत्ता के मामले में कांग्रेस दो राज्यों तक सिमट गई है। गठबंधन वाली सरकारों को भी जोड़ लें तो कांग्रेस चार राज्यों की सत्ता में शामिल है। कांग्रेस के नए अध्यक्ष अभी पार्टी के रद्दोबदल की कोशिश भी नहीं कर सके। तो दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दिनों में भी कांग्रेसी नेताओं को जोड़े रख पाने में सफल नहीं हो रहे हैं। अगले साल राजस्थान में चुनाव होने हैं, जहां कांग्रेस सत्ता में है। लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के दो दिग्गजों के बीच की खटास आरोपों का बड़ा घेरा बना रही है। कुलमिलाकर कांग्रेस की चुनौतियों का अंधकार जस का तस है।
पायलट ने कसा गहलोत पर तंज
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की खटास जगजाहिर है। यह बात सरेआम है कि दोनों एक दूसरे को पसंद नहीं करते हैं। सचिन पायलट ने अब सीएम गहलोत पर तंज कसते हुए बड़ा आरोप लगाया है। उनके आरोपों पर गहलोत ने नसीहत दी है कि पायलट को बयान सोच समझ कर देना चाहिए। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता जैसे तैसे दोनों के मामले को शांत करने की कोशिश में हैं।
गहलोत की मोदी से सांठगांठ?
सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर एक तरह से पीएम मोदी और भाजपा से सांठगांठ का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि PM मोदी ने गहलोत की तारीफ की है। पीएम ने गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी। और बाद में आजाद ने क्या किया, यह सभी को पता है। पायलट के बयान से भड़के गहलोत ने उन्हें बयानबाजी नहीं करने की नसीहत दी है। तो दूसरी ओर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि PM मोदी ने वहां पर कहा कि अशोक गहलोत सबसे अनुभवी सीएम हैं। यह सच है कि वे अनुभवी हैं। लेकिन अशोक गहलोतजी ने जब इसी मंच से पूरी जनसभा में कहा कि मोदीजी की विदेशों में इज्जत इसलिए है कि वे गांधी, अंबेडकर, नेहरू के देश से आते हैं। जहां लोकतंत्र की जड़ें 70 साल बाद भी जिंदा हैं। गहलोत ने जनसभा में मोदी को एक तरह से आइना दिखाया है।