आज चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। शुरूआती रुझान में तीन राज्यों में भाजपा को बढ़त मिलती हुई दिख रही है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में कांग्रेस को करारी हार मिलती हुई दिख रही है। कांग्रेस के लिए सिर्फ अच्छी खबर तेलंगाना से आई है। जहाँ कांग्रेस की जीत लगभग तय हैं। तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार को लेकर कांग्रेस नेता आचर्य प्रमोद कृष्णन की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कांग्रेस की हार के लिए सनातन का विरोध को सबसे बड़ी वजह बताया है।
“AIMIM जैसी हो जाएगी कांग्रेस की स्थिति“
कांग्रेस नेता आचर्य प्रमोद ने कहा कि कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से ऐसे नेता घुस आएं हैं जिनका बड़ा प्रभुत्व है। कांग्रेस के सभी फैसलों में उनकी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे कुछ नेता कांग्रेस को महात्मा गांधी के बताए रास्तों से हटाकर वामपंथ के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं। जो कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलकर यहां तक आई है।
महात्मा गांधी के सभाओं की शुरुआत रघुपति राघव राजा राम से हुआ करती थी लेकिन आज कांग्रेस को सनातन के विरोधी पार्टी के रूप में जाना जा रहा है जो बहुत ही दुर्भाग्य की बात है। कांग्रेस पार्टी ने अगर ऐसे नेताओं को नहीं निकाला तो पार्टी की स्थिति एआईएमआईएम के जैसी हो जाएगी। कांग्रेस नेतृत्त्व को गंभीरता से इसपर विचार करना चाहिए।
“सनातन का विरोध ले डूबा”
भारत भावनाओं का देश है और सनातन का विरोध हमे ले डूबा। जातिवादी राजनीति को इस देश ने कभी भी स्वीकार नहीं किया है। 6 सितंबर 1990 को राजीव गांधी ने संसद में भाषण दिया था, उसे सुनकर सभी चीजे स्पष्ट हो जाएंगी। यह देश अगर जातिवादी होता तो विश्वनाथ प्रताप सिंह को गांव-गांव में पूजा जाता।
विश्वनाथ प्रताप सिंह जब मंडल कमीशन लेकर आए थे तो उनसे बड़ा जातिवाद का कोई नेता नहीं हुआ लेकिन उनकी हालत इस देश में क्या हो गई ये सभी लोगों के सामने है। इसलिए जातिवादी राजनीति और सनातन का विरोध हमें ले डूबा। पार्टी हार का विश्लेषण करेगी, फिलहाल इन राज्यों के जो प्रभारी हैं अगर उनमें जरा भी शर्म है तो उन्हें तत्काल पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।