पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय फैंस को बड़ा झटका लगा है। बुधवार सुबह स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले वजन के दौरान महिला पहलवान विनेश फोगाट का वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया है। इस वजह से उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। विपक्ष के नेता इसे बड़ी साजिश बता रहे हैं। कांग्रेस सांसद बलवंत वानखेड़े ने भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगट की अयोग्यता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत दुख की बात है. इसके पीछे जरूर कोई साजिश है। पूरा देश जानता है कि वह जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं और उन्हें न्याय नहीं मिला था। ऐसे में अब अगर वह जीत जाती तो उन्हें सम्मानित करना पड़ता, जो शायद कुछ लोगों को पसंद नहीं आया। हालांकि, इस बात में कितनी सच्चाई है, इस पर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
संसद में गूंजा विनेश फोगाट का मामला… खेल मंत्री ने कहा- मोदी सरकार ने की पूरी मदद
वहीं संसद सदस्य और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव, रणदीप सिंह सुजेवाला ने कहा कि 140 करोड़ देशवासी आज स्तब्ध हैं। भारतीय खेल इतिहास के लिए यह ‘ब्लैक डे’ है। देश की बेटी के खिलाफ बहुत बड़ी नफरती साजिश है। पहले मोदी जी के चहेते बृजभूषण सिंह ने उसे प्रताड़ित किया, इसके बाद दिल्ली की सड़कों पर 140 दिन तक संघर्ष करने के बाद उसे पुलिस से घसिटवाया गया। इसके बाद भी उस बेटी ने ओलंपिक में तिरंगा फहराया, लेकिन अब एक साजिश के तहत उसे डिसक्वालीफाई करवा दिया गया।
ऐसे में सवाल हैं:
- कौन है जिसे विनेश फोगाट की जीत हजम नहीं हुई?
- किसने देश की बेटी की पीठ में छुरा घोंपा?
- किसने ताकत का दुरुपयोग किया?
- किसका चेहरा बचाने के लिए ये साजिश हुई?
बता दें, भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने 2020 के टोक्यो ओलंपिक के बाद विनेश फोगाट को बैन कर दिया था। तत्कालीन डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने विनेश को खोटा सिक्का कहा था, जिन पर कुछ भारतीय महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाया है। उनके समर्थन में विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत कई ओलंपियन पहलवानों ने दिल्ली में धरना प्रदर्शन किया था। उस समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन महिला पहलवानों का साथ नहीं दिया था।