हरियाणा में विधानसभा चुनाव होना है। इसमें कांग्रेस की कोशिश है कि भाजपा की हैट्रिक रोकी जाए। 2014 में देश में भाजपा की सरकार बनने के बाद हरियाणा वो राज्य है, जहां महाराष्ट्र के साथ भाजपा की सरकार बनी थी। लेकिन अब कांग्रेस की कोशिश भाजपा की हैट्रिक रोकने की है। इस कोशिश में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी (AAP) का साथ चाहिए। राहुल गांधी ने इसके संकेत दे भी दिए हैं। लेकिन AAP अभी सधे जवाब दे रही है।
हरियाणा चुनाव में गठबंधन को लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के इंडी गठबंधन को साथ लड़ने के बयान पर AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि “हम इसका स्वागत करते हैं। हमारी प्राथमिकता भाजपा को हराना है। हमारे हरियाणा प्रभारी संदीप पाठक और सुशील गुप्ता इस पर चर्चा करेंगे और अंतिम निर्णय लेंगे। निर्णय लेने के बाद वे अरविंद केजरीवाल को इसके बारे में सूचित करेंगे और उसके अनुसार अंतिम निर्णय लिया जाएगा।”
दूसरी ओर AAP हरियाणा के अध्यक्ष सुशील गुप्ता कहते हैं कि “आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेशानुसार हम सभी 90 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं। हम हर विधानसभा में बैठकें कर रहे हैं, लगातार कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी बहुमत की सरकार बनाने, व्यवस्था बदलने, भाजपा की अहंकारी और तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए लड़ रही है।” हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर सुशील गुप्ता ने कहा कि “गठबंधन हाईकमान का मामला है, अगर हाईकमान पूछेगा तो मैं उनके सामने अपनी बात रखूंगा। मेरा साफ मानना है कि आम आदमी पार्टी को 4-5 सीटों (गठबंधन में) पर राजी नहीं होना चाहिए। हमारा ध्यान सभी 90 सीटों पर है। लेकिन एक अनुशासित सिपाही होने के नाते हम अपने राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा लिए गए फैसले को स्वीकार करेंगे।”
आपको बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस और AAP ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब इस गठबंधन का कोई लाभ AAP को नहीं मिला। कांग्रेस ने AAP को सिर्फ कुरुक्षेत्र सीट लड़ने को दी। लेकिन AAP उम्मीदवार सुशील गुप्ता 29 हजार से अधिक वोटों से हार गए। जबकि कांग्रेस ने अपने हिस्से की 9 में से 5 सीटें जीतीं। जबकि 2014 में कांग्रेस सभी 10 सीटें हारी थी।