तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने आअज शुक्रवार को यह बोल कर देश में चल रही भाषा की बहस को हवा दी कि हिंदी बोलने वाले कोयंबटूर में पानी पुरी बेचते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब दक्षिणी राज्य में लोग तमिल और अंग्रेजी सीख रहे हैं, तो दूसरी भाषाओं की क्या जरूरत है। के. पोनमुडी कोयंबटूर में भारथियार विश्वविद्यालय में एक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
हिन्दी सिखने से नौकरी नही मिली
कोयंबटूर में भारथियार विश्वविद्यालय में एक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, तमिलनाडु के मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में दो भाषाएँ हैं अंग्रेजी और तमिल जबकि अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा है और तमिल एक स्थानीय भाषा है। राज्यपाल आरएन रवि के साथ मंच साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हमें बताया गया था कि हिंदी सीखने से हमें नौकरी मिलेगी, क्या हमें मिला? आप हमारे राज्य और कोयंबटूर में जाकर देखें, वे लोग कौन हैं जो पानी पुरी बेचते हैं।
हिंदी एक वैकल्पिक भाषा होनी चाहिए
के पोनमुडी ने आगे कहा कि अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा है। पोनमुडी ने दावा किया कि तमिलनाडु भारत में शिक्षा प्रणाली में सबसे आगे है। तमिल छात्र किसी भी भाषा को सीखने के लिए तैयार रहते हैं। हालांकि हिंदी केवल एक वैकल्पिक भाषा होनी चाहिए और अनिवार्य नहीं। देश भर में हिंदी भाषा को लागू करने पर बहस चल रही है, भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र हिंदी के अखिल भारतीय उपयोग पर जोर दे रहा है और दक्षिणी राज्यों ने इसका कड़ा विरोध किया है।