देश के अलग अलग राज्यों में विकास एक ऐसा मुद्दा है, जिसे करने के दावे तो खूब होते हैं लेकिन यह मुकाम तक नहीं पहुंच पाता। कारण एक चुनाव में किया विकास का वादा अगले चुनाव में भी बरकरार रहता है। वैसे विकास की इस होड़ में राज्यों पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट बताती है कि पांच साल में राज्यों की कमाई तो 47 प्रतिशत बढ़ी है लेकिन इन्हीं राज्यों पर कर्ज 77 प्रतिशत बढ़ गया है। यही रिपोर्ट यह भी बता रही है कि देश के 21 राज्य कर्ज के सहारे ही अपना काम चला रहे हैं। जाहिर सी बात है कि लोकसभा चुनाव का वक्त है तो इस सूची को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जाएगा। तो राजनीतिक रूप से यह दिखता है कि जिन राज्यों का कर्ज बढ़ा है, उनकी टॉप 10 सूची में NDA शासित 4 राज्य शामिल हैं। जबकि इसी टॉप 10 सूची में I.N.D.I.A. वाले 6 राज्यों की सरकारें शामिल हैं।
कर्ज बढ़ाने में टॉप पर महाराष्ट्र
आरबीआई की रिपोर्ट बता रही है कि महाराष्ट्र ने पांच सालों में अपना कर्ज बढ़ाने में तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। महाराष्ट्र में अभी NDA की सरकार है। 2023 में महाराष्ट्र का कर्ज 89,598 करोड़ रुपए है। जो 2018 में 23,961 करोड़ रुपए था। कर्ज की रकम पांच सालों में 274 प्रतिशत बढ़ी है। एनडीए के शासन वाले उत्तर प्रदेश में कर्ज 192 फीसदी बढ़ा है। 2018 के 27,810 करोड़ रुपए का कर्ज 2023 में 81,178 करोड़ रुपए हो गया है। तीसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां I.N.D.I.A. के दल का शासन है। तमिलनाडु में कर्ज 142.5 फीसदी बढ़ा है। 2018 में वहां कर्ज 39,840 करोड़ रुपए था। 2023 में यह आंकड़ा 96,614 करोड़ हो गया है।
झारखंड ने कम किया घाटा
वैसे झारखंड अकेला राज्य है, जिसने अपना घाटा कम किया है। झारखंड में 2018 में घाटा 11931 करोड़ रुपए था। जो 2023 में 5.39 फीसदी घटकर 11,287 करोड़ रुपए हो गया। बिहार को दो साल और पांच साल में गरीबी से मुक्त करने का दावा करने वाली नीतीश सरकार ने भी अपने कर्ज में 81 फीसदी की बढ़ोतरी की है। बिहार पर 2018 में 14305 करोड़ रुपए का कर्ज था, जो 2023 में 81 फीसदी बढ़कर 25,885 करोड़ रुपए हो गया है।
राज्यों में कर्ज का हिसाब किताब
NDA के राज्यों में कर्ज : महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलावा NDA शासित राज्यों में गुजरात और मध्य प्रदेश का कर्ज बढ़ा है। गुजरात में 2018 में कर्ज 21,366 करोड़ रुपए था। जो 2023 में 69.02 प्रतिशत बढ़ कर 36,113 करोड़ रुपए हो गया है। मध्य प्रदेश में 2018 में 22,745 करोड़ रुपए का कर्ज 2023 में 131 फीसदी बढ़कर 52,511 करोड़ रुपए हो गया।
I.N.D.I.A. वाले राज्यों में कर्ज : तमिलनाडु और बिहार के अलावा I.N.D.I.A. शासित कर्ज बढ़ाने वाले राज्यों में राजस्थान, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, केरल और पंजाब शामिल है। राजस्थान में 130 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 120 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 114.4 प्रतिशत, केरल में 45.75 प्रतिशत और पंजाब में 90.77 प्रतिशत कर्ज बढ़ा है।