दिल्ली के अलीपुर में एक पेंट फैक्ट्री में गुरुवार रात को लगी आग में 11 लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया है कि आग लगने की सूचना मिलने पर दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन किसान आंदोलन की वजह से सड़कों पर जाम लगा हुआ था, जिसके कारण दमकल की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में देरी हुई।
अधिकारी ने कहा, “हमें आग लगने की सूचना रात 8:30 बजे मिली। हमारी गाड़ियां तुरंत मौके के लिए रवाना हो गईं, लेकिन किसान आंदोलन की वजह से सड़कों पर जाम लगा हुआ था। जिसके कारण हमें मौके पर पहुंचने में 45 मिनट लग गए।”
उन्होंने कहा कि अगर जाम नहीं होता तो हम शायद समय रहते आग पर काबू पा लेते और जानमाल का नुकसान नहीं होता। इस घटना के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने घायलों के इलाज का भी पूरा खर्च उठाने का ऐलान किया है।
केजरीवाल ने कहा, “यह एक बहुत ही दुखद घटना है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। हमने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की मुआवजा देने का फैसला किया है। घायलों के इलाज का भी पूरा खर्च सरकार उठाएगी।”
उन्होंने कहा, “दमकल विभाग की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में देरी हुई है, इसकी जांच कराई जाएगी। किसान आंदोलन के नेताओं ने दमकल विभाग के अधिकारी के दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि दमकल की गाड़ियां समय पर नहीं पहुंचीं, जिसके कारण जानमाल का नुकसान हुआ। आंदोलन के नेताओं ने कहा, “दमकल विभाग के अधिकारी झूठ बोल रहे हैं। दमकल की गाड़ियां समय पर नहीं पहुंचीं। अगर गाड़ियां समय पर पहुंचतीं तो शायद जानमाल का नुकसान नहीं होता।”
उन्होंने कहा कि हम इस घटना की जांच की मांग करते हैं। यह घटना दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई पहली बड़ी घटना है। इस घटना के बाद आंदोलन को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है।