दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रमुख राजनीतिक दलों ने प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोमवार को दिल्ली के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे “पक्की गारंटी” का नाम दिया और कहा कि पिछले वादों की तरह ये वादे भी पूरे किए जाएंगे।
केजरीवाल ने 15 गारंटियों की घोषणा की, जो अगले पांच साल में पूरी की जाएंगी। उन्होंने पुरानी “मुफ्त रेवड़ियां” जारी रखने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि AAP की गारंटी जनता के विश्वास पर खरी उतरेगी।
केजरीवाल की 15 गारंटियां
- रोजगार की गारंटी: हर युवा के लिए नौकरी का प्रबंध।
- महिला सम्मान योजना: महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं और सुरक्षा।
- बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना: स्वास्थ्य और कल्याण पर जोर।
- पानी के गलत बिल माफ: हर घर को साफ पानी मुहैया कराया जाएगा।
- यमुना की सफाई: अगले पांच साल में यमुना को प्रदूषण मुक्त किया जाएगा।
- सड़कें संवारने की गारंटी: दिल्ली की सड़कों को बेहतर और यातायात के अनुकूल बनाया जाएगा।
- डॉ. अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना: दलित छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन।
- मुफ्त बस यात्रा: स्कूल-कॉलेज के छात्रों को बसों में मुफ्त यात्रा और मेट्रो किराए में 50% छूट।
- पुजारियों और ग्रंथियों को सम्मान: हर महीने ₹18,000 की मदद।
- किरायेदारों के लिए फ्री बिजली-पानी: किरायेदारों को भी मुफ्त सुविधाएं देने का वादा।
- सीवर समस्या का समाधान: ओवरफ्लो की समस्या खत्म और पुरानी पाइपलाइन बदली जाएगी।
- नए राशन कार्ड: गरीबों के लिए राशन कार्ड बनाए जाएंगे।
- ऑटो-टैक्सी वालों के लिए मदद: बेटियों की शादी के लिए ₹1 लाख, ₹10 लाख का बीमा, और बच्चों की शिक्षा।
- आरडब्ल्यूए को मदद: रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (RWAs) को प्राइवेट गार्ड रखने के लिए फंड।
- मुफ्त योजनाओं की निरंतरता: बिजली, पानी और स्वास्थ्य से जुड़ी पुरानी सभी योजनाएं जारी रहेंगी।
दिल्ली चुनाव का माहौल गरमाया
राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं।
- भाजपा ने AAP पर मुफ्त योजनाओं से जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया।
- कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार पर पिछली योजनाओं को अधूरा छोड़ने का दावा किया।
चुनाव का शेड्यूल
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 8 फरवरी को होगी। एक ही चरण में होने वाले इस चुनाव में दिल्ली की जनता यह तय करेगी कि अगले पांच साल तक राजधानी की बागडोर किसके हाथों में होगी।