दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीतिक दलों ने प्रचार के तरीके को बदला है। गली-मोहल्ले में पसीना बहाने के साथ अब सोशल मीडिया (Social Media) मंचों पर जोर-शोर से प्रचार हो रहा है। Facebook, X (पूर्व में Twitter), Instagram और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन के जरिए जनता तक पहुंचने की होड़ मची है।
Social Media पर विज्ञापन की दौड़
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली चुनाव में तीनों प्रमुख दलों ने 23 जनवरी तक सोशल मीडिया पर 519 विज्ञापन प्रसारित करने की अनुमति मांगी। इनमें से 350 विज्ञापनों को मंजूरी दी गई, जबकि 166 विज्ञापनों को तथ्य मानकों के अनुरूप न होने की वजह से खारिज कर दिया गया।
- BJP ने 293 विज्ञापनों की अनुमति मांगी, जिसमें से 207 को स्वीकृति मिली और 86 खारिज कर दिए गए।
- आम आदमी पार्टी (AAP) ने 200 विज्ञापनों की अनुमति मांगी, जिसमें 121 को स्वीकृति और 79 को खारिज किया गया।
- कांग्रेस ने 24 विज्ञापनों की अनुमति मांगी, जिसमें 22 को स्वीकृति मिली और 2 अस्वीकृत कर दिए गए।
दिल्ली में मोबाइल क्रांति ने बदला प्रचार का ट्रेंड
दिल्ली में मोबाइल कनेक्शनों की संख्या यहां की आबादी से भी ज्यादा है। ट्राई के अनुसार, दिल्ली में पांच करोड़ से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन हैं, जो औसतन प्रति व्यक्ति दो कनेक्शन के बराबर है। यह आंकड़ा सोशल मीडिया को एक मजबूत प्रचार मंच बनाता है, जिससे राजनीतिक दल तेजी से अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
विज्ञापनों के लिए नियम और प्रतिबंध
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने सोशल मीडिया विज्ञापनों के लिए सख्त मापदंड तय किए हैं।
- विज्ञापनों में सेना की वर्दी और लोगो का उपयोग नहीं किया जा सकता।
- राष्ट्रपति या संवैधानिक पदों से संबंधित बयान नहीं दिए जा सकते।
- देश की अखंडता को प्रभावित करने वाले चित्र या बयान प्रतिबंधित हैं।
जो विज्ञापन इन मानकों पर खरे नहीं उतरे, उन्हें खारिज कर दिया गया।
2020 के चुनाव से सीख
इससे पहले 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में Social Media पर जमकर खर्च हुआ था। एक महीने में फेसबुक पर कुल 1.99 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
- BJP ने 31.61 लाख रुपये, कांग्रेस ने 13.67 लाख रुपये खर्च किए थे।
- ‘आप’ समर्थित पेजों पर भी लाखों रुपये का खर्च हुआ था।
चुनाव प्रचार के अंतिम सप्ताह में सोशल मीडिया खर्च 78 लाख रुपये तक पहुंच गया था।
आखिरी सप्ताह में बढ़ेगा प्रचार युद्ध
चुनाव प्रचार का आखिरी सप्ताह नजदीक है, ऐसे में Social Media पर प्रचार युद्ध और तेज होने की उम्मीद है। राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए सोशल मीडिया के जरिए मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेंगे।