कर्नाटक विधानसभ चुनाव 2023 के लिए 10 मई को वोटिंग हुई। चुनाव परिणाम की घोषणा 13 मई को होनी है। ये देखना दिलचस्प होगा कि सत्तारूढ़ भाजपा हर 5 साल पर सत्ता परिवर्तन की रीत को तोड़ते हुए वापसी करती है या फिर कांग्रेस, भाजपा को मात देकर इतिहास दोहराएगी। एक नतीजा और भी है जो बीते 3 चुनाव में 2 बार हो चुका है। वो है त्रिशंकु परिणाम। जब- जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के त्रिशंकु परिणाम आए हैं तब-तब जमकर सियासी नाटक देखने को मिला। 2008 और 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम त्रिशंकु ही आए थे। उसके बाद 5 साल में कई मुख्यमंत्री बदल गए।
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बीते 5 साल में 3 मुख्यमंत्री
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा कुल 104 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस को 78 सीट और जेडीएस को 37 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। भाजपा के बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ भी ले ली थी। लेकिन बहुमत साबित ना कर पाने के कारण एक दिन बाद ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार बनी। जेडीएस के नेता कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने।
हालांकि ये गठबंधन वाली सरकार 14 महीने बाद ही गिर गई। बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों की मदद से एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने। हालांकि कुछ समय के बाद बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद भाजपा ने बसवराज बोम्मई राज्य का मुख्यमंत्री बनाया।
2008 में भी त्रिशंकु परिणाम
वर्ष 2008 में भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम भी 2018 की तरह ही थे। चुनाव परिणाम में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी तो बनकर उभरी लेकिन बहुमत के जादुई आंकड़े से पीछे रह गई। 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में भाजपा को कुल 110 सीट मिली थी। वहीं कांग्रेस ने खाते में 80 सीटें आई थीं। जबकि जेडीएस ने 28 सीट पर जीत हासिल की थी। हालांकि भाजपा में 6 निर्दलीय के समर्थन से सरकार बना ली। लेकिन फिर से मुख्यमंत्री बदलने वाला सिलसिला शुरू हुआ। भाजपा ने सबसे पहले येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया।
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने के बाद 2011 में येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तिफा दे दिया। जिसके बाद सदानंद गौड़ा ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। लेकिन वो भी बस 10 महीने तक ही पद पर रहे। एक बार फिर से मुख्यमंत्री बदला गया सदानंद गौड़ा की जगह जगदीश शेट्टार नए मुख्यमंत्री बने। इस तरह 5 साल में तीन मुख्यमंत्री मिले।