सुप्रीम कोर्ट ने नए कानून के तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति देते हुए सुनवाई के लिए 15 मार्च की तारीख निर्धारित की है। गौरतलब है निर्वाचन आयोग में रिक्त पड़े चुनाव आयुक्त दो पदों को भरने के लिए इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बैठक भी होने वाली है।
सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर कांग्रेस नेता जया ठाकुर की तरफ से सोमवार को एक याचिका दाखिल की गई। जया ठाकुर ने अपने आवेदन में कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका लंबित है। इसमें मांग की गई है कि केंद्र सरकार नए कानून चुनाव आयुक्त (सेवा की शर्तें और व्यवसाय का संचालन) अधिनियम, 2023 के तहत चुनाव आयुक्त की नियुक्ति न होने दे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने की बात कही है। इस पर 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नोटिस जारी किया गया था। इसी दौरान चुनाव आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया। याचिकाकर्ता ने कहा कि चूंकि लोकसभा चुनावों का एलान जल्द हो सकता है। इसलिए चुनाव आयुक्तों की भर्ती भी तुरंत करने की जरूरत है।
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) कानून को लेकर शुक्रवार को जारी की गयी एक सरकारी अधिसूचना में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति को सिफारिशें करने के लिए प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय मंत्री की अध्यक्षता में एक चयन समिति का प्रावधान है।
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित खंड में संशोधन के बाद अब आयुक्त की नियुक्ति से पहले देश के कानून मंत्री और भारत सरकार में सचिव स्तर के दो अधिकारी मिलकर पांच व्यक्तियों का पैनल तैयार करेंगे। इसी पैनल से अगला आयुक्त नियुक्त होगा। खंड 11 में मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्त हटाने की प्रक्रिया तय की है। मुख्य आयुक्त को सुप्रीम कोर्ट के जज की प्रक्रिया से ही हटाया जा सकेगा, जबकि चुनाव आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त की सिफारिश पर हटाया जा सकेगा।