लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गोयल के इस कदम से देश के राजनीतिक गलियारे में कयासो का दौर तेज हो गया है। गोयल ने इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। इसी बीच इस इस्तीफे पर राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल का भी बयान आया है।
कपिल सिब्बल ने ये अंदेशा लगाते हुए बताया कि कुछ गंभीर बात है जिसके आधार पर अरुण गोयल ने इस्तीफा दिया है। भाजपा पर निशाना साधते हुए सिब्बल ने कहा, “यह निश्चित रूप से आश्चर्यजनक है। अगर चुनाव से ठीक पहले आप इस्तीफा देते हैं, तो जाहिर है कि कुछ गंभीर बात है जिसके आधार पर उन्होंने इस्तीफा दिया होगा। मैं उस कारण का अनुमान नहीं लगा सकता हूं, लेकिन जाहिर तौर पर मतभेद का कुछ तत्व है, खासकर जब उनका कार्यकाल अभी खत्म नहीं हुआ था।” सिब्बल ने आगे कहा, “वे आयोग को अपने ही लोगों से भर देंगे जैसा कि उन्होंने पहले भी किया है। चुनाव कार्यक्रम को सत्तारूढ़ दल के हित के अनुरूप बनाया जाएगा। हमने इससे पहले भी देखा है जब भाजपा के लोगों द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले भाषणों पर कार्रवाई नहीं की जाती है। किसी विपक्षी सदस्य द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने पर उन्हें तुरंत नोटिस दे दिया जाता है। हम इस आयोग के व्यवहार को जानते हैं, इसलिए हमें इनसे कोई अपेक्षा नहीं है।”
इधर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी अरुण गोयल के इस्तीफे पर भाजपा पर तंज कसा है। टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा, “भाजपा बंगाल विरोधी और बंगाली विरोधी है। यह बाहरी लोगों और जमीनदारों की पार्टी है। बंगाल के लिए फंड भी बंद कर दिया गया है। केवल बंगाल में ही केंद्रीय बलों को भेजा जा रहा है, गुजरात और उत्तर प्रदेश में नहीं भेज रहे हैं। चुनाव से पहले ही चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया। इससे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के बारे में क्या संदेश जाता है? टीएमसी आपको बंगाल में आकर हमारे वोट लूटने नहीं देगी।”
अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर वैसे तो कई तरह की अटकलें सुनने को मिल रही हैं,लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सूत्रों के मुताबिक, गोयल ने निजी कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है। सरकार की तरफ से उन्हें इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने की कोशिश भी हुई, लेकिन वह नहीं माने। सूत्रों के अनुसार 5 मार्च को गोयल सेहत का हवाला देते हुए कोलकाता दौरा बीच में छोड़ आए थे। आठ मार्च को उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव के साथ चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में बैठक में हिस्सा लिया था। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भी थे। वहीं कुछ रिपोर्ट ये संकेत देते हैं कि ‘विभिन्न मुद्दों पर मतभेद’ थे, जिसके कारण इस्तीफा दिया गया है।