एनसीपी के सिंबल और पार्टी के विवाद पर चुनाव आयोग ने फैसला दे दिया है। चुनाव आयोग ने अजीत पवार गुट को असली एनसीपी माना है। उसे ही एनसीपी का सिंबल आवंटित किया गया है। शरद पवार गुट को नया सिंबल 7 फरवरी को आवंटित किया जाएगा।
6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया।
अजित पवार को एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न मिलने पर शरद पवार गुट के नेता जीतेंद्र अवहाद ने कहा कि “यह होने वाला था। हमें यह पहले से ही पता था। आज अजित पवार ने शरद पवार का राजनीतिक गला घोंट दिया है। इसके पीछे केवल अजित पवार ही हैं। इसमें शर्मिंदा होने वाला एकमात्र व्यक्ति चुनाव आयोग है। शरद पवार एक फीनिक्स है। वह राख से फिर से उठेगा। हमारे पास अभी भी शक्ति है क्योंकि हमारे पास शरद पवार हैं। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे”
वहीं, NCP के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग द्वारा अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि ”पहले चुनाव आयोग ने कहा कि शिवसेना एकनाथ शिंदे की है। अब उन्होंने कहा है कि एनसीपी अजित पवार की है। देश की जानता जानती है कि एनसीपी की स्थापना 1999 में शरद पवार ने की थी। हमें पहले से पता था कि ऐसा होगा। शरद पवार सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इस देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है।”