उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2023 के (संशोधित) कानूनी प्रावधानों (जिसमें मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को रखने का प्रावधान है) के तहत कई चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाने की गुहार वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले में वह 21 मार्च को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक की याचिका पर कहा कि मामला पहले भी दो बार शीर्ष अदालत के समक्ष आ चुका है। अदालत आमतौर पर अंतरिम आदेश के जरिए किसी कानून पर रोक नहीं लगाती।शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता विकास सिंह ने (शीर्ष अदालत के) एक संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के पद पर नियुक्ति एक पैनल द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हों।
याचिका में कहा गया है, “अब, कार्यपालिका के पास दो चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने की क्षमता है, जो उसे अनुचित लाभ दे सकती है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसलिए नियुक्तियाँ भी निष्पक्ष होनी चाहिए।” कांग्रेस की जया ठाकुर की ओर से दायर याचिका में आने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर (दिसंबर 2023) नए कानून के प्रावधानों के अनुसार चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति नहीं करने का निर्देश केंद्र सरकार को देने गुहार लगाई गई थी। याचिका में कहा गया है कि नया कानून स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों के खिलाफ है। इसके अलावा यह ‘अनूप बरनवाल बनाम भारत संघ’ मामले में शीर्ष अदालत की ओर से निर्धारित सिद्धांतों के विपरीत है।
शीर्ष अदालत की संविधान पीठ ने 2 मार्च 2023 को कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक पैनल की सलाह पर की जाएगी। इस पैनल में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे। इस बीच पिछले साल दिसंबर को संसद द्वारा पारित नए कानून में शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को पैनल रखने का प्रावधान है।चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 9 मार्च 2023 को इस्तीफा दे दिया और उससे पहले एक अन्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल फरवरी में पूरा हो गया था। केंद्र सरकार 15 मार्च तक दो आयुक्तों की नियुक्ति कर सकती है।