त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल एवं सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रो सिद्धेश्वर प्रसाद नहीं रहे। वे एक चिंतक, प्राध्यापक, मनीषी साहित्यकार होने के साथ सक्रिय राजनेता भी रहे। वे नालंदा से सांसद और भारत सरकार में मंत्री भी रह चुके थे। रविवार की संध्या भूतनाथ रोड स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
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शिक्षण से राजनीति में आए थे सिद्धेश्वर प्रसाद
19 जनवरी 1929 को जन्मे प्रो. सिद्धेश्वर प्रसाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े राजनेता थे।बता दें कि प्रो. सिद्धेश्वर प्रसाद बिहार के नालंदा के निवासी थे। वे 1962, 1967 और 1971 में बिहार के नालंदा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। वह 1983 से 1989 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। राजनीति में आने से पहले वह बिहार के नालंदा कॉलेज में प्रोफेसर थे।
त्रिपुरा के राज्यपाल भी रहे
प्रो सिन्हा जून 1995 से जून 2000 तक त्रिपुरा के राज्यपाल रहे और 1983 से 1989 तक बिहार सरकार में मंत्री भी रहे। साथ ही वे 1969 से 1977 तक केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। वे एक लेखक भी थे। उनकी हिंदी भाषा में 22 पुस्तकें लिखीं हैं।