2 दिन बाद 22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सुरक्षा के कड़े इन्तेजाम किए गए हैं। जैसा कि इस कार्यक्रम में पीएम मोदी समेत कई बड़े नेताओं,कई VVIP मेहमान के अलावे हज़ारों रामभक्तों के शामिल होने की खबर है। इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर कई हाई टेक गैजेट्स का इस्तेमाल राम मंदिर और भक्तों की सुरक्षा के लिए किया गया है। जगह-जगह पर सैनिकों और NSG कमांडो की भी मुस्तैदी की गई है। DOT और सरकार ने कई हाई टेक गैजेट्स लोगों की सुरक्षा के लिए ग्राउंड पर तैनात किए हैं। अत्याधुनिक डिवाइस और गैजेट्स से लैस पूरा शहर श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए उत्सुक है।
राम मंदिर परिसर और इसके आस-पास का पूरा एरिया नो ड्रोन जोन में रखा गया है। एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए मंदिर की सुरक्षा की जाएगी और यदि कोई अनऑथोराइज़्ड फ्लाइंग ड्रोन दिखती है, तो इसे रेडियो फ्रीक्वेंसी की मदद से मौके पर ही ध्वस्त किया जा सकता है। ये टेक्नोलॉजी कमांड प्रोटोकॉल के आधार पर व्यक्तिगत ड्रोन मॉडल की पहचान और उन पर कार्रवाई भी कर सकती है। वहीँ एक है क्रेश-रेटेड बोलार्ड्स। बोलार्ड्स किसी भी बिल्डिंग को बड़ी गाड़ियों के अटैक से बचाते हैं। कोई गाडी मंदिर परिसर से न टकराए इसके लिए जगह-जगह पर इन बोलार्ड्स का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही ये इमरजेंसी सिचुएशन में भी काम आते हैं। ये बोलार्ड्स जन्मभूमि पथ और बूम बैरियर से गुजरने वाले किसी भी वाहन को स्कैन कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर वाहनों को रोक भी सकते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाये तो AI तकनीक से लैश यह हथियार डिफेन्स और अटैक दोनों में दक्ष है। वहीँ एक डिवाइस है टायर किलर्स। जिनका इस्तेमाल रोड पर किया जाता है। ताकि अनऑथोराइज़्ड गाड़ियों को दूर से ही रोक लिया जाए और वे मंदिर के आस-पास न पहुंच पाएं। पूरे कार्यक्रम के स्मूथ वर्किंग के लिए अयोध्या के आस-पास 20 जगह इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत ही सारा मूवमेंट होगा और VVIPs की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा। सभी जगह एक बूथ भी स्थापित होगा जो सीधे कंट्रोल रूम से कनेक्टेड होगा। यदि कोई गलत एक्टिविटी नजर आती है तो फौरन उसपर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा के लिए 10,000 से ज्यादा CCTVs लगाएं गए हैं। इनमें से कुछ कैमरे AI का इस्तेमाल करते हुए संदिग्ध लोगों की पहचान मौके पर ही कर लेंगे। मंदिर परिसर में लगे कैमरे 90 दिनों तक की रिकॉर्डिंग को स्टोर करके रख सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करते हुए अधिकारी क्राउड मूवमेंट के हिसाब से जरूरी बदलाव सुरक्षा व्यस्था आदि में करेंगे ताकि कार्यक्रम बिना किसी परेशानी के पूरा हो सके। पूरे कार्यक्रम में CCTVs अहम भूमिका निभाने वाले हैं।
अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा एक भव्य और बड़ा इवेंट होने वाला है, जिसका लाइव प्रसारण न्यूयॉर्क शहर के टाइम्स स्क्वायर में भी किया जाएगा। इस भव्य कार्यक्रम की प्रसिद्धि के कारण देश विदेश से श्रद्धालुओं का ताँता लगे जाने की पूरी संभावना है। यही कारण है कि लोगों की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। फिलहाल काले पत्थर से बनी रामलला की मूर्ति गर्भगृह में रखी गयी है।