‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में सांसदी गंवाने वाली टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को अब सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला है। सांसदी जाने के बावजूद महिला उसी बंगले में रह रही थी, जो उन्हें सांसद के तौर पर आवंटित हुआ था।
स्टेट डायरेक्टरेट( सम्पदा निदेशालय) द्वारा जारी इस नोटिस में टीएमसी नेता से यथाशीघ्र बंगला खाली करने को कहा गया है। नोटिस में ये भी कहा गया है कि अगर महुआ खुद से बंगले को खाली नहीं करती हैं, तो उन्हें और वहां रह रहे अन्य लोगों को परिसर से बेदखल किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ती है, तो इसके लिए बलप्रयोग भी किया जा सकता है। नोटिस में ये साफ़ लिखा है कि महुआ मोइत्रा को बंगला खाली करने के लिए पर्याप्त मौके दिए गए, मगर उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है। इससे पूर्व सात जनवरी को सबसे पहले बंगला खाली करने को कहा गया। इसके बाद इस संबंध में उन्हें आठ जनवरी को एक नोटिस भी मिला, जिसमें तीन दिनों के भीतर बंगला खाली नहीं करने की वजह पूछी गई। संपदा निदेशालय ने फिर 12 जनवरी को भी टीएमसी नेता को इस संबंध में नोटिस भेजा। एक महीने पूर्व ‘कैश फॉर क्वेरी’ केस में महुआ की सांसदी चली गयी थी। आरोप था कि उन्होंने अपने व्यवसाई मित्र दर्शन हीरानंदानी के साथ अपनी पार्लियामेंटरी लॉग इन आईडी को शेयर किया था। जिसके बदले उन्हें महंगे कार और गिफ्ट मिले थे।
इससे पूर्व, सरकारी बंगला खाली नहीं करने को लेकर महुआ दिल्ली हाईकोर्ट का भी दरवाज़ा खटखटा चुकी हैं। लेकिन ये कहकर कि ‘अधिकारियों को असाधारण परिस्थितियों में कुछ शुल्कों के भुगतान के आधार पर किसी व्यक्ति को छह महीने तक रहने की इजाजत है’, हाईकोर्ट ने महुआ को सलाह दी थी कि अपनी याचिका वापस लेकर संपदा निदेशालय के पास जायें और अनुरोध करें कि उन्हें अभी बंगले में रहने दिया जाए।