एक हादसा जो सालता रहेगा सिस्टम की नाकामी को, प्रशासनिक लापरवाही की और कोसता रहेगा उस पल को। गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी पर बने ब्रिज के टूटने से 134 जिंदा लोग डूब कर लाशों में तब्दील हो गए। किसी के घर का चिराग बुझा तो किसी के सपनों की उड़ान उसी नदी में डूब गई। किसी के घर से एक अर्थी उठी तो किसी के घर अर्थियों का कारवां निकल पड़ा। हम आपको ऐसी ही दर्दनाक कहानियां बता रहे हैं, जिसे सुनने के बाद रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
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भाजपा सांसद के 12 रिश्तेदारों की मौत
वहीं राजकोट से भाजपा सांसद मोहनभाई कुंदरिया के 12 रिश्तेदारों की इसी घटना में मौत हो गई। सांसद मोहनभाई ने कहा कि इस हादसे में हमने मेरे जीजा के भाई की 4 बेटियां, 3 जमाई और 5 बच्चों को खो दिया है। सांसद कुंदरिया ने कहा कि इस हादसे के जिम्मेदारों को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जिसकी भी गलती होगी, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पत्नी और बेटे की मौत, बाकि बचे चार बहे
इस घटना में आरिफ के परिवार के 8 सदस्य शिकार बने। पत्नी और 5 साल के बेटे की तो लाश मिल गई। लेकिन बेटी और दूसरे 5 सदस्य लापता हैं। वहीं एक गर्भवती की तैरती लाश बता रही थी कि उसकी कोख में पल रहा बच्चा दुनिया में आने से पहले ही विदा हो गया।
आंख के सामने परिवार के छह लोग शिकार
वहीं रिश्तेदार की सगाई में आई हलीमाबेन के परिवार के 6 लोग आंखों के सामने ही हादसे का शिकार हो गए। इनमें उनकी बेटी-दामाद, दोनों नवासे, हलीमा के जेठ और उनका लड़का पुल के टूटने से नदी में गिर गए। वहीं पत्नी और तीन बच्चों को अपनी आंखों के सामने खो देने वाले पति की चीत्कारती आंखें भी इसी घटना में दिखे।
बच्चों को ढूंढने निकली मां कीचड़ में धंसी
जबकि जामनगर के धरोल तालुका के जलिया देवानी गांव में एक परिवार के तीन बच्चों सहित 4 सदस्यों की मौत हुई। इसमें पति तो ब्रिज की केबल पकड़ने से बच गया। लेकिन उसकी पत्नी अपने तीनों बच्चों को खोजने गई और कीचड़ में धंसकर जान गंवा दी।