डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और रेप केस में दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim Singh) को एक बार फिर 21 दिन की फरलो मिल गई है। मंगलवार को गुरमीत को हरियाणा की सुनारिया जेल से पुलिस सुरक्षा में बाहर निकाला गया। यहां से वो सीधे यूपी के बागपत जिले में स्थित बरनावा आश्रम पहुंचा। वो इसी आश्रम में फरलो की अवधि बिताएगा। लेकिन सवाल ये कि राम रहीम को बार-बार पैरोल और फरलो क्यों मिल जाती है।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य जो हर मुद्दे पर मुखरता से अपनी बात रखती हैं, उन्होंने राम रहीम के पैरोल को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने इसको लेकर सीधे बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि हत्या और बलात्कार के इस दोषी को किसकी मदद, किस सरकर की अनुमति और अनुशंसा से किसे मदद पहुंचाने के लिए बार-बार पैरोल पर बाहर निकाला जाता है ???
जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाला ये शख्स सभ्य-समाज के लिए खतरा है, पैरोल दिए जाने की जगह इसे काल- कोठरी में रखे जाने की जरूरत है, मगर हरियाणा की भाजपा सरकार के लिए ये चुनावी-मोहरा है, हरियाणा में जब भी चुनावी आहट होती है, तो घृणित अपराधों को अंजाम देने वाले इस अपराधी पर भाजपाई सरकार मेहरबान हो जाती है इसकी मेहरबानी पाने की आस में..
बलात्कारियों-यौनाचारियों-हत्यारों-दंगाईयों-बलवाईयों को संरक्षण देना और अपने राजनीतिक फायदे के लिए उनका इस्तेमाल करना ही भाजपा का असली चरित्र व व्यवहार है.. राम रहीम तो महज एक चेहरा है, ऐसे अनेकों मोहरे व चेहरे और भी हैं, जिन पर भाजपा को भरोसा है..
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बता दें कि राम रहीम को भारतीय कानून की पेचिदगियों की वजह से रिहाई मिली है। उसे कभी पैरोल मिल जाती है तो कभी फरलो, लेकिन जब भी वो बाहर आता है, उसकी वजह होती है। हालांकि, उसकी रिहाई की सबसे बड़ी वजह होती है चुनाव।