ज्ञानवापी के तहखाने में वाराणसी कोर्ट से मिले आदेश के बाद हिन्दू पक्ष द्वारा पूजा अब लगातार जारी है, लेकिन इसी बीच मुस्लिम पक्ष द्वारा इसके विरोध में दी गयी याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की गयी। याचिका में हिन्दू पक्ष का पूजा करना निषिद्ध बताया गया है, साथ ही मुस्लिम पक्ष द्वारा दावा किया गया कि ये तहखाना ‘मस्जिद’ का है और इसमें हिन्दू विधि विधान द्वारा पूजा करना गलत है, तदनुसार पूजा पर तत्काल रोक लगायी जाए। जिला जज वाराणसी के आदेश से काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को इसमें पूजा का अधिकार सौंपने के के खिलाफ मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल प्रथम अपीलों पर सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मुस्लिम पक्ष की याचिका को ठुकराते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि हिन्दू पक्ष द्वारा व्यास तहखाने में पूजा जारी रहेगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल द्वारा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से दाखिल प्रथम अपीलों पर सुनवाई हुई। इससे पहले कोर्ट ने दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। अपने फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में पूजा करने के कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को रद्द कर दिया है।
फैसले के बाद मीडिया से रूबरू हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, “इलाहाबाद होईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया के आदेशों की पहली अपील को खारिज कर दिया है। जिसमें वाराणसी जिला कोर्ट से पारित 17 और 31 जनवरी के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाना में चल रही पूजा जारी रहेगी।”