हाथरस (Hathras) की घटना का जिक्र आज पूरे देश में हो रहा है। लापरवाही ने 122 लोगों की जान ले ली। वहीं इस घटना का जिक्र राज्यसभा में भी हुआ। सभापति जगदीप धनखड़ ने हाथरस की घटना का जिक्र करते हुए इस पर गहरा दुख व्यक्त किया। वहीं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ऐसे हादसे जो हो रहे हैं ब्लाइंड फेथ पर हो रहे हैं।इसके लिए कोई कानून नहीं है। ऐसे बड़े सत्संग हो रहे हैं तो कहां पर हो रहे हैं, एरिया में कितने हॉस्पिटल हैं, इन सबको लेकर आप कानून बनाइए। बहुत से नकली बाबा जेल में हैं। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस हादसे को देखने के बाद लगता है कि इसके लिए एक कानून होना चाहिए। उन्होंने बताया कि अंधश्रद्धा को लेकर महाराष्ट्र में भी एक कानून है इसी तर्ज पर कानून बनाना चाहिए। खरगे ने कहा कि बहुत सी जगहों पर जो ऐसे हादसे हो रहे हैं उसके पीछे अंधविश्वास मूल कारण होता है और इसके लिए कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक देशव्यापी कानून बनाए जाने की जरूरत है। खरगे ने कहा कि महाराष्ट्र में अंध श्रद्धा को लेकर एक ऐसा कानून बना है और ऐसा ही एक कानून कर्नाटक में भी है। उन्होंने कहा कि इसी लाइन पर आप कानून बनाइए। पाबंदी लगाइए। सच्चे लोगों को आने दो। नकली लोग बहुत जगह आश्रम बनाकर लोगों को लूट रहे हैं। उन पर रोक लगे।
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वहीं सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हाथरस जैसी घटनाओं को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जमावड़े के दौरान कैसी व्यवस्था की जानी चाहिए और किस तरह का एक ठोस तंत्र होना चाहिए, इस बारे में सदन को व्यवस्थित तरीके से चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने ऐसे आयोजनों को लेकर स्थानीय प्रशासन को संवेदनशील बनाए जाने पर भी बल दिया। सभापति धनखड़ ने बताया कि सदन के नेता जे पी नड्डा ने उनसे उनके कक्ष में मुलाकात की और हाथरस की घटना पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को साथ मिलकर इस दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ाना चाहिए।