आप सोशल मीडिया या न्यूज चैनल को थोड़ा भी देखते हो तो अबतक सीमा हैदर और सचिन की लव स्टोरी सुन चुके होंगे । वही पाकिस्तानी सीमा हैदर जिसे पब्जी खलते हुए भारत के सचिन से प्यार हो जाता है और फिर वो नेपाल के रास्ते अपने चार बच्चों को लेकर भारत आ गई। लेकिन इन तमाम चर्चाओं को छोड़ दे तो सबसे बड़ा सवाल देश की आंतरिक सुरक्षा में चूक को लेकर उठता है। और वो ये की भारत नेपाल सीमा पर इतनी चौकसी होने के बावजूद एक पाकिस्तानी महिला भारत में एंट्री करने में कामयाब कैसे हो गई?
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि नेपाल सीमा से देश में कोई घुसा हो। इस रास्ते चीनी जासूस से लेकर उज्बेकिस्तान की युवतियां की सेफ लैडिंग होती है। आतंकी भी एंट्री करते हैं और भागते हैं। ऐसे कई मामले कई बार सामने आ चुके हैं।
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दूसरे प्रयास में सफल रही सीमा
सबसे पहले बात करते हैं कि सीमा हैदर के भारत में एंट्री की। सुरक्षा एजेंसियों को जो बात सीमा ने बतायी है उसके अनुसार भारत में एंट्री की उसकी पहली कोशिश नाकाम रही थी । सचिन सीमा को भारत में एंट्री दिलाने के लिए यूपी के सोनौली बॉर्डर के साथ बिहार से लगने वाली नेपाल सीमा की पूरी जानकारी जुटाई थी। सोनौली बॉर्डर के जरिए सीमा ने पहली बार भारत में प्रवेश करने की कोशिश की थी। लेकिन वो सफल नहीं हो सकी उसे नेपाल से वापस पाकिस्तान लौटना पड़ा। सीमा पहली कोशिश में नाकामयाब जरुर हो गई लेकिन उसे ये पता चला गया की परिवार के साथ नेपाल सीमा से भारत में एंट्री करना थोड़ा आसान है। तीन महीने बाद किए दूसरे प्रयास में वो अपने चार बच्चों को लेकर पहले नेपाल आई और फिर खुनुवा बोर्डर के रास्ते भारत में एंट्री करने में सफल हो गई।
अब जानिए कैसे हो जाती हैं नेपाल बोर्डर से भारत में एंट्री
नेपाल से बिहार के रास्ते भारत में एंट्री काफी आसान है। यह तीन तरीके से होती है। पहला नेटवर्क के माध्यम से और दूसरा भारत-नेपाल के गांव वालों की मदद से, जबकि तीसरा-खुद से होता है।
पहला तरीका ये है कि नेपाल के काठमांडू में ट्रेवल एजेंट भारत में एंट्री कराने के लिए काम करते हैं। फर्जी तरीके से नेपाली नागरिकता और भारतीय पहचान पत्र तक तैयार करा देते हैं। काठमांडू में ही सीमा हैदर ने भी भारत का फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया था। सूत्रों की माने तो 5 से 10 हजार में ट्रैवल एजेंट भारतीय सीमा में प्रवेश करने के लिए फर्जी कागजात तैयार कर देते हैं।
भारत-नेपाल सीमा के जानकारों के अनुसार नेपाल में गाइड का काम करने वाले कई युवक युवतियां भी फर्जी कागजात के आधार पर भारत में घुसपैठ कराने के लिए काम कर रहे हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि इसके लिए एक नेटवर्क काम कर रहा है। इसमें एक बड़ा गिरोह मोटी कमाई कर रहा है। गिरोह के सदस्य काम के हिसाब से दाम लेते हैं।
दूसरा तरीका है कि अधिकतर घुसपैठ नेपाल सीमा की पगडंडी के रास्ते होती है। इसमें नेपाल और भारत के गांव वालों की मदद से हो जाती है। घुसपैठ करने वाले ग्रामीणों को लालच देकर भारत में प्रवेश कर जाते हैं।
तीसरा तरीका है कि अधिकतर मामले ऐसे भी होते हैं जिसमें नेपाली और भारतीय शक्ल के दिखने वाले विदेशी खुद से बॉर्डर पार कर जाते हैं। अमूमन बॉर्डर पर संदेह होने पर ही जांच होती है, इस कारण से घुसपैठ करने वाले गांव के रास्तों का इस्तेमाल करते हैं।