Ranchi : 27 फरवरी सोमवार को राजधानी में आर्थो के डॉ अंचल कुमार पर हमले के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन (झासा) ने इसे गंभीरता से लिया है। वहीं तत्काल इमरजेंसी बैठक बुलाई गई है। इसके बाद डाक्टरों ने एक मार्च को हड़ताल को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
आइएमए का कहना है कि हमलोगों पर एक के बाद अटैक से डर का माहौल है। हम नहीं जानते कि अगला नंबर किसका होगा। सरकार से लेकर प्रशासन सभी ने आंख-कान बंद कर लिए है। ऐसे में हमारे पास एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के अलावा कोई चारा ही नहीं बचा है। बताते चलें कि आइएमए और झासा ने पहले ही गढ़वा में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में 1 मार्च को हड़ताल की घोषणा की थी। वहीं सरकार से अपनी मांगों पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
ये है डॉक्टरों की मांग
गढ़वा में सरकार में शामिल जनप्रतिनिधियों की जिम्मेवारी है कि सीमित संसाधनों में और संख्या से कम ह्यूमन रिसोर्स के साथ काम कर रहे हेल्थ सेक्टर को समय-समय पर प्रोत्साहित करें। जबकि जनप्रतिनिधियों ने सिविल सर्जन कार्यालय और सभागार को जबरन कब्जा में लिया गया। डीएस को जबरन रोका गया, धक्का-मुक्की की गई। सिविल सर्जन और डीपीएम को भी कब्जे में लिया गया। सीसीटीवी फुटेज डिलीट करा दिया गया। यह गुंडागर्दी है और संघ इसका विरोध करती है।
हजारीबाग में डीडीसी ने अपने कक्ष में बुलाकर मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सह विभागाध्यक्ष को लंबे समय तक खड़ा कर दिया। अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। अंगरक्षक के द्वारा कॉलर पकड़कर कक्ष से बाहर कर दिया गया। उन्हें इस पद से हटाया जाए।
जामताड़ा में स्थानीय विधायक द्वारा सिविल सर्जन को घसीट कर लाने की बात कही गई। संघ के विरोध के बाद फिर से एक बयान दिया गया कि निकम्मे सिविल सर्जन को चुम्मा लूंगा क्या? विभागीय मंत्री का एक भी बयान नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पेटरवार, बोकारो सड़क दुर्घटना में घायल महिला को मृत घोषित किए जाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेटरवार बोकारो में तैनात डॉ अजय चौधरी के साथ मारपीट की गई। डॉ अजय चौधरी को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया। संघ दोषी व्यक्ति की अविलंब गिरफ्तारी एवं कानून सम्मत कार्रवाई की मांग की।
लोहरदगा-सिविल सर्जन डॉ संजय कुमार सुबोध को प्राइवेट नर्सिंग होम के संचालक द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद संघ दोषी की अविलंब गिरफ्तारी एवं कानून सम्मत कार्रवाई की मांग कर चुका है।
बायोमीट्रिक अटेंडेंस-प्रमुख सचिव एवं विभागीय स्वास्थ्य मंत्री से संघ ने इससे संबंधित ज्ञापन सौंपा है। संघ फिर से अपनी मांग दोहराती है कि बायोमीट्रिक अटेंडेंस को वेतन से नहीं जोड़ा जाए और इसकी मॉनिटरिंग का अधिकार संबंधित निकासी पदाधिकारी को दिया जाए।
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट-13 फरवरी को सभी जिला के उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम आइएमए एवं झासा का संयुक्त ज्ञापन भेजा गया है। मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने और क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट में सुधार की मांग की गई है। मुख्यमंत्री को इन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए संघ को आमंत्रित करना चाहिए था। संघ फिर से उनसे आग्रह करती है कि वर्तमान विधानसभा सत्र के दौरान दोनों मुख्य मुद्दों को पारित कराए।