कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि भारत अच्छी स्थिति में नहीं है और जोर देकर कहा कि विपक्ष को लोगों, समुदायों, राज्यों और धर्मों को एक साथ लाने की जरूरत है। शुक्रवार को लंदन में ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ कॉन्क्लेव में बोलते हुए, पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उन संस्थानों पर व्यवस्थित हमला होता है और बोलने की आजादी नही दी जा रही। ऐसे में यह संविधान पर हमला है। भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्ताधारी दल ने पूरे देश में मिट्टी का तेल फैला दिया है और कहा कि केवल एक चिंगारी से बड़ी परेशानी हो सकती है।
बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे
भारत अच्छी जगह पर नहीं है। बीजेपी ने पूरे देश में मिट्टी का तेल फैला दिया है। आपको एक चिंगारी चाहिए और हम बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे। कांग्रेस नेता ने कहा हमें इस गर्माहट को कम करने की जरूरत है क्योंकि अगर यह गर्माहट ठंडा नहीं हुआ तो चीजें गलत हो सकती हैं। गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री का रवैया होना चाहिए कि ‘मैं सुनना चाहता हूं’ लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नहीं सुनते।
मीडिया का प्रभुत्व
कांग्रेस की बार-बार चुनावी हार और भाजपा की जीत के कारण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी की जीत के पीछे ध्रुवीकरण और मीडिया का प्रभुत्व कारक हैं। साथ ही आरएसएस ने एक ऐसी संरचना का निर्माण किया है जो बड़े पैमाने पर प्रवेश कर चुकी है। विपक्षी दलों और कांग्रेस को ऐसा ढांचा बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा हमें उन लोगों तक और अधिक आक्रामक तरीके से जाने की जरूरत है जो भाजपा को वोट नहीं देते हैं और हमें इसे एक साथ करने की जरूरत है।
सरकारी संस्थानों के निजीकरण पर चिंता
कांग्रेस नेता ने सरकारी संस्थानों के निजीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस रूप में निजी क्षेत्र का एकाधिकार कभी नहीं रहा। मुझे लगता है कि एक कंपनी के लिए सभी हवाई अड्डों, सभी बंदरगाहों, सभी बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करना बहुत खतरनाक है। यह (निजी क्षेत्र का एकाधिकार) इस रूप में कभी अस्तित्व में नहीं रहा। सत्ता और पूंजी के इतने बड़े संकेंद्रण के साथ यह कभी अस्तित्व में नहीं था।
उन्होंने कहा कि यह एक और पहलू है जो बातचीत का गला घोंट रहा है क्योंकि पूंजी की इस एकाग्रता के माध्यम से मीडिया का नियंत्रण होता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि भारत अपने लोगों के बीच एक सभी की समान पहुंच होनी चाहिए।