विपक्षी INDIA गुट ने केंद्रीय बजट को लेकर बुधवार (24 जुलाई) को संसद में विरोध प्रदर्शन किया। कई दलों ने इसे विपक्ष शासित राज्यों के खिलाफ ‘भेदभावपूर्ण’ बताया है। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि सरकार ने गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरोपों से इनकार किया है। इस बीच, इस मुद्दे पर बुधवार को विपक्ष ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव समेत तमाम बडे़ नेता शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘कई राज्यों को बजट में न्याय नहीं मिला है। हम न्याय के लिए लड़ रहे हैं।’वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, ‘हम सभी मांग कर रहे थे कि किसानों को एमएसपी मिलना चाहिए, लेकिन समर्थन मूल्य किसानों के बजाय उन गठबंधन सहयोगियों को दिया जाता है जो अपनी सरकार बचा रहे हैं। सरकार महंगाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है। उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला।’
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कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत अनुचित बजट है। भारत के अधिकांश राज्यों को नज़रअंदाज़ किया गया है। उनकी ज़रूरी चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया गया है…सिर्फ़ अपनी सरकार बचाने के लिए उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि विभिन्न राज्यों की स्थानीय ज़रूरतें क्या हैं और इसीलिए INDIA गठबंधन इसका विरोध कर रहा है…”
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इससे पहले बजट पेश होने के बाद मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर विपक्ष दलो के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई थी। बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक-ओ-ब्रायन और कल्याण बनर्जी, द्रमुक के टीआर बालू, जेएमएम की महुआ माझी, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और संजय सिंह समेत अन्य नेता शामिल हुए थे।