विदेशी न्यूज़ संस्थान ‘अल जजीरा’ द्वारा CAA (नागरिकता संसोधन अधिनियम) के बारे में ‘एंटी मुस्लिम’ (मुस्लिम विरोधी) जैसे भ्रामक खबरें फैलाने को लेकर भारत सरकार की प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो के ‘फैक्ट चेकिंग विंग’ (तथ्य जांच दस्ता) ने आज इसका खण्डन करते हुए बताया कि ये कोई एंटी मुस्लिम अधिनियम नहीं है और इससे भारत के मुसलमान या किसी भी अल्पसंख्यक नागरिक को कोई दिक्कत या असुविधा नहीं होने जा रही है। ये अधिनियम दरअसल भारत के पडोसी राज्यों में रह रहे अल्पसंख्यक वर्गों की सुविधा के लिए है, जो उन देशों के चरमपंथियों और कट्टरपंथियों का दंश झेल रहे हैं। पडोसी देशों यथा पाकिस्तान,बंगलादेश और अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक वर्गों को इन चरमपंथियों की कट्टर सोच की मार झेलनी पर रही है। देखा जाये तो ये बातें भारत में भी सर्वविदित हैं।
भारतीय प्रेस संस्थान की फैक्ट चेकिंग विंग ने बताया कि अल जजीरा जैसे प्रेस संस्थान द्वारा इस तरह का दावा बिलकुल हीं गलत है। वो बस भारत के अल्पसंख्यक वर्गों को गुमराह करने का काम कर रही है। भारत में सभी वर्गों के बीच जिस तरह का सौहार्द पहले से रहा है, वो अब भी रहेगा सरकार की प्रेस संसथान ने ये दावा करते हुए कहा है कि धर्म को देखते हुए किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं जायेगी और साथ हीं उन्होंने ये भी कहा कि CAA किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है।
आपको बता दें कि भारत में CAA लागू होने के साथ हीं विदेश की प्रेस मीडिया अल ज़जीरा ने लिखा, “देश में लोकसभा इलेक्शन से कुछ हफ्ते पूर्व एंटी मुस्लिम 2019 नागरिकता क़ानून को भारत ने किया लागू”।