अंतरिक्ष जगत में भारत अगले एक सप्ताह के अंदर इतिहास रच सकता है। चंद्रयान-3 के चांद पर लैंडिंग का समय अब बेहद करीब आ गया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि गुरुवार को लैंडर विक्रम प्रपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो चुका है। अब विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए निकल चुका है। यह लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर होगी, जिसके लिए लैंडर विक्रम ने अपना सफर शुरू कर दिया है।
चांद के बेहद करीब पहुंचा चंद्रयान
इससे पहले चंद्रयान-3 बुधवार को चंद्रमा की पांचवीं और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करते हुए उसकी सतह के और भी करीब पहुंच गया। इसरो ने बुधवार को कहा था कि इसके साथ ही चंद्रयान-3 ने चंद्रमा तक पहुंचने की अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली है। 14 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया, जिसके बाद इसने 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया। इसके साथ ही वह चांद के और निकट पहुंच गया। चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा भारत
दरअसल, इसरो ने 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:35 मिनट पर चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था। चंद्रयान- 3 की सफल लैंडिंग से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा और संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन की बराबरी की कतार में शामिल हो जाएगा। भले ही चांद पर लैंड करने वाला भारत चौथा देश हो, लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर अगर चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक लैंड करता है तो ऐसा करने वाला भारत पहला देश होगा। क्योंकि किसी अन्य देश ने अभी तक चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव को नहीं छुआ है।