केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1फरवरी को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करने जा रही हैं। यह उनका लगातार छठा बजट होगा। लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पेश की जाने वाली यह बजट ‘मोदी की गारंटी’ वाले वादों पर आधारित हो सकती है। पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया कि इस अंतरिम बजट में मतदाताओं के एक बड़े वर्ग (मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक) को आकर्षित करने वाली योजनायें शामिल हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि अगर जरूरत हुई, तो राजकोषीय घाटे को थोडा बढा के भी सरकार इस गारंटी को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। .
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से हुई बातचीत में गर्ग ने कहा, “सत्ता में मौजूद पार्टी के लिए मुफ्त और लोकलुभावन योजनाओं के जरिये मतदाताओं को आकर्षित करने का ये एक मौका होता है। सरकार ने 2019 में भी मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को लक्षित किया था। कुल मिलाकर लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं। ऐसी संभावना है कि सरकार इस बार भी इन मतदाताओं का खास ध्यान रखेगी।” पूर्व वित्त सचिव ने कहा, “असंगठित क्षेत्र में बेरोजगारी और वेतन कटौती को लेकर काफी संकट है। केंद्र सरकार के पास असंगठित क्षेत्र के 30 करोड़ श्रमिकों का आंकड़ा है। वित्त मंत्री इन श्रमिकों को आकर्षित करने के लिए कुछ घोषणाएं कर सकती हैं। उन्हें सालाना कुछ नकद राशि देने की घोषणा की जा सकती है।”
बता दें कि 2019 में वित्त मंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश करते हुए मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के लिए 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम को आयकर से छूट दी थी। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 करोड़ किसानों को सालाना 6,000 रुपये नकद भी उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। इसके अलावा असंगठित क्षेत्र से जुड़े 50 करोड़ श्रमिकों को रिटायरमेंट पेंशन में सरकारी योगदान का भी प्रस्ताव किया गया था। गर्ग ने कहा, कुल मिलाकर ‘मोदी की गारंटी’की छाप इस बार के अंतरिम बजट में भी देखने को मिल सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कई घोषणाएं की थी। इसमें मुख्य रूप से 450 रुपये में एलपीजी गैस सिलेंडर, गरीब महिलाओं को 1,250 रुपये का कैश ट्रांसफर, 21 साल की उम्र की तक गरीब लड़कियों को 2 लाख रुपये आदि की घोषणाएं शामिल थी और इसी को ‘मोदी की गारंटी’ का नाम दिया गया।
वैसे भी इस बजट में वेतनभोगी सरकार से और अधिक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। टैक्स टू विन के सीईओ और सह-संस्थापक अभिषेक सोनी के अनुसार, “पुरानी और नई दोनों कर व्यवस्थाओं के लिए मूल छूट सीमा में वृद्धि की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, करदाता नई आयकर व्यवस्था के तहत मानक कटौती सीमा, एचआरए छूट और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए कटौती में इजाफा हो सकता है।” अभिषेक सोनी ने ये भी कहा है कि नई कर व्यवस्था में आवास ऋण पर ब्याज के लिए कटौती को बढ़ाने से यह नयी कर प्रणाली लोगों के लिए ज्यादा आकर्षक हो सकता है। वहीँ टाटा पेंशन मैनेजमेंट के सीईओ कुरियन जोस ने दोनों कर व्यवस्थाओं के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) की सीमा बढ़ाकर 1,00,000 रुपये करने की सिफारिश की है,जिससे आयकर दाता इस नयी प्रणाली की ओर ज्यादा आकर्षित होंगे।
बजट 2023 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा नई आयकर व्यवस्था के तहत किए गए टैक्स स्लैब दरों में बदलाव हैं-
- 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
- 3 से 6 लाख रुपये की आय पर 5 फीसद कर
- 6-9 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत कर
- 9-12 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत कर
- 12-15 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत कर
- 15 लाख रुपये और उससे अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर