दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनके निधन से जहां देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है, वहीं टाटानगर यानी जमशेदपुर में एकाएक सन्नाटा छा गया, यहां के दुर्गा पंडालों में गाने पूरी तरह से बंद कर दिए गए। चारों ओर केवल गम का माहौल है।
झारखंड के जमशेदपुर में जैसे ही रतन टाटा के देहांत की खबर पता चली मानों पूरा शहर खामोश हो गया। लोग सड़कों पर निकल कर टाटा स्टील के प्लांट के गेट के पास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि देने लगे, हालांकि कंपनी परिसर को बन्द कर दिया गया है। शहर के पूजा पंडालों में एकदम से सन्नाटा छा गया, पूजा कमिटी के लोगों ने अपने-अपने पंडालों में गाने और स्पीकर्स को बंद कर दिया गया और रतन टाटा की आत्मा को शांति मिले इसलिए 2 मिनट का मौन रखा गया।
दरअसल जमशेदपुर के विकास में रतन टाटा का बड़ा योगदान रहा है, रतन टाटा ने टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। देहांत के बाद रतन टाटा के पार्थिव शरीर को मुंबई के कोलाबा स्थित उनके घर ले जाया गया है, आज पार्थिव शरीर को वर्ली श्मशान घाट ले जाया जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।